कही आप भी तो नहीं खा रहे नवरात्र के दिनों में ज्यादा रिफाइंड तेल तो हो जाइये सावधान! पहले जान लें इसके नुकसान
नई दिल्ली। नवरात्रि में ज्यादा रिफाइंड तेल खाने से स्वास्थ्य को कई नुकसान हो सकते हैं। चूंकि व्रत के दौरान लोग कुट्टू की पूरी, साबूदाना वड़ा और आलू के चिप्स जैसी तली हुई चीज़ें ज़्यादा खाते हैं, इसलिए रिफाइंड तेल के सेवन से समस्याएं बढ़ सकती हैं।
स्वास्थ्य संबंधी नुकसान
पाचन संबंधी समस्याएं- रिफाइंड तेल में तले हुए भारी भोजन से पेट में गैस, एसिडिटी और अपच की समस्या हो सकती है।
थकान- व्रत के दौरान शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है, लेकिन ज्यादा रिफाइंड तेल खाने से ज़्यादा थकान महसूस हो सकती है।
हृदय रोग का खतरा- तले हुए और प्रोसेस्ड फूड में अक्सर अनहेल्दी फैट ज़्यादा होता है, जिससे वजन बढ़ सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
ऊर्जा में कमी- बहुत ज़्यादा तले हुए और स्टार्च वाले फूड खाने से ऊर्जा का स्तर कम हो सकता है और आपको सुस्ती महसूस हो सकती है।
सूजन- रिफाइंड तेल के अधिक सेवन से शरीर में सूजन बढ़ सकती है।
सात्विक भोजन के सिद्धांतों के विपरीत
नवरात्रि का व्रत शरीर को शुद्ध करने के लिए किया जाता है। सात्विक भोजन के अनुसार, इस दौरान साधारण और आसानी से पचने योग्य भोजन करना चाहिए। रिफाइंड तेल में तला हुआ भोजन इस उद्देश्य के विपरीत होता है।
क्या करें
- रिफाइंड तेल की जगह आप देसी घी या मूंगफली के तेल का सीमित मात्रा में उपयोग कर सकते हैं।
- जितना हो सके, कम तेल में खाना पकाएं और तले-भुने भोजन से बचें।
- व्रत के दौरान शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए ताज़े फल, सब्जियां और सूखे मेवे जैसे सात्विक विकल्पों को प्राथमिकता दें।