Chamoli: बर्फबारी के दौरान हिमस्खलन की घटनाएं होंगी कैमरे में कैद, रैणी त्रासदी के बाद कंपनी ने की यह तैयारी...

नदी के उद्गम स्थल पर भी हिमस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं।;

Update: 2025-12-13 15:00 GMT

चमोली। चमोली जनपद में हिमस्खलन की घटना और रैणी आपदा वाली त्रासदी के मददेनजर विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना की निर्माता जेपी कंपनी ने ग्लेशियर प्वाइंट के पास सीसीटीवी कैमरे लगाने की शुरूआत की है। इसकी मदद से कंपनी बर्फबारी होने के बाद लगातार कैमरों से नजर बनाए रखेगी। जानकारी के मुताबिक, यह सीसीटीवी कैमरे सैटेलाइट से ही संचालित होंगे।

चिलचिलाती धूप में हुई थी हिमस्खलन की घटना

दरअसल चमोली जनपद की नीती घाटी में 7 फरवरी 2021 को चिलचिलाती धूप में हिमस्खलन की घटना हो गई थी। जिससे धौली गंगा पर स्थित ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना मलबे में दफन हो गई थी। तपोवन में स्थित विष्णुगाड-तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन टनल में भी मलबा घुस गया था। इस आपदा में मजदूर, इंजीनियर और कर्मचारियों को संभलने का मौका भी नहीं मिला था। इस घटना के बाद से एनटीपीसी ने टनल के पास चेतावनी अलार्म सिस्टम को मजबूत किया था।

जेपी कंपनी ने इन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई

अब माणा घाटी में पांडुकेश्वर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित अलकनंदा नदी पर जेपी कंपनी की जल विद्युत परियोजना का बैराज है। जानकारी के मुताबिक, नदी के उद्गम स्थल पर भी हिमस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं। इस वजह से नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। हिमस्खलन से रैणी आपदा जैसी त्रासदी नहीं हो, इसके लिए जेपी कंपनी ने माणा, बसुधारा, हनुमानचट्टी, खीरा नदी के पास और घस्तोली में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने की योजना बनाई है। इसे ध्यान में रखते हुए कुछ जगहों पर कैमरे लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।

ज्योतिर्मठ के एसडीएम ने दी जानकारी

ज्योतिर्मठ के एसडीएम ने जानकारी दी कि विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना कंपनी की ओर से अलकनंदा के उद्गम से परियोजना के बैराज स्थल तक जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके लिए सर्वे टीम ने जगह का चुनाव किया है। जिसका मकसद परियोजना कर्मचारियों की सुरक्षा और नुकसान को कम करना है।

गौरतलब है कि ऋषि गंगा के उद्गम स्थल से हुई हिमस्खलन की घटना से धौली गंगा में बाढ़ जैसी हालात उत्पन्न हो गई थी। इस त्रासदी में 200 से अधिक लोग मौत की गोद में सो गए थे। धौली गांव में पानी के सैलाब मंजर भयानक था।

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