कुरान और सुन्नत से... BNP के ऐलान पर तस्लीमा नसरीन ने दी तीखी प्रतिक्रिया! कहा-कुरान और हदीस पर आधारित कानून से होगा नुकसान

BNP महासचिव ने कहा कि देश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और सभी नागरिकों के धार्मिक मूल्यों व संस्कृति की रक्षा करने में BNP ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई है।;

Update: 2025-12-29 05:40 GMT

नई दिल्ली। बांग्लादेश की राजनीति में धर्म और कानून को लेकर जंग जारी है। दरअसल BNP के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि देश में कुरान और सुन्नत से बाहर कोई भी कानून बना तो इस पर रोक लगाई जाएगी। बता दें कि देश में आगामी वर्ष फरवरी में चुनाव होना है। वहीं राजनीतिक दल अपनी- अपनी राय रखने में लगे हैं। लेकिन BNP के इस रुख पर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

बीएनपी कुरान और सुन्नत के आदर्शों में रहना चाहती है

मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने धार्मिक विद्वानों के साथ एक बैठक में कहा कि यह सब भ्रम फैलाया जा रहा है कि BNP कुरान और सुन्नत पर आधारित कानून नहीं चाहती। उन्होंने स्पष्ट किया कि सच कुछ और है BNP हमेशा कुरान और सुन्नत के आदर्शों के दायरे में रहना चाहती है। उनके अनुसार इस्लाम शांति का धर्म है और हम शांति चाहते हैं। इस चुनाव के माध्यम से हम एक शांतिपूर्ण माहौल में नया बांग्लादेश बनाना चाहते हैं।

BNP ने धार्मिक मूल्यों व संस्कृति की रक्षा की है

BNP महासचिव ने कहा कि देश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और सभी नागरिकों के धार्मिक मूल्यों व संस्कृति की रक्षा करने में BNP ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के खिलाफ तरह-तरह की भ्रांति फैलाई जा रही है और लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।

पिछले 15 वर्षों में देश का लोकतंत्र हुआ कमजोर

मिर्जा फखरुल ने कहा कि देश इस समय एक गंभीर दौर से गुजर रहा है और 'दुष्ट ताकतें' भ्रम, आंदोलन और अशांति फैलाने की साजिश कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले 15 वर्षों में लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर किया गया और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा। उनके मुताबिक, सत्ता को

पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया को झूठे मामलों में फंसाया गया

उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों के साथ-साथ उलेमा और विद्वानों को गिरफ्तार किया गया, प्रताड़ित किया गया, इतना ही नहीं उन्हें फांसी भी दी गई। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया को 'झूठे मामलों' में छह साल जेल में रखा गया।

तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर लिखा

BNP के इस उक्त टिप्पणी पर तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि BNP 'मुस्लिम टोपी' पहनकर जमात-ए-इस्लामी से भी बड़ी जमात बनना चाहती है। तस्लीमा नसरीन के मुताबिक, अगर कुरान और हदीस पर आधारित कानून लागू किए गए तो सबसे अधिक नुकसान महिलाओं और गैर-मुसलमानों को होगा। उन्होंने दावा किया है कि ऐसे कानूनों में महिलाओं, अल्पसंख्यकों और प्रगतिशील विचारकों के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी समाप्त हो जाएगी।

सभ्य देश में धार्मिक कानून नहीं होता

तस्लीमा नसरीन ने कहा कि किसी भी 'सभ्य देश' में धार्मिक कानून नहीं होता है। उनकी राय में धार्मिक कानून मानवाधिकार-विरोधी, महिला-विरोधी, समानता-विरोधी, विज्ञान और आधुनिकता के खिलाफ होते हैं। इससे समाज में नफरत, हिंसा व भेदभाव को बढ़ता है।

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