बी.टेक छात्रा ने की इको स्टार्टअप... रखा पर्यावरणहितों का ध्यान, मूंगफली के छिलकों से तैयार किया गणपति की प्रतिमा

करीब आधा फुट ऊंची प्रत्येक मूर्ति की कीमत तकरीबन 200 रुपया है।;

By :  Aryan
Update: 2025-08-22 10:17 GMT

हैदराबाद। गणेश चतुर्थी का उत्सव भगवान गणपति के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा। यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है। श्रद्धालु भगवान गणेश की प्रतिमा को अपने घर में स्थापित करते हैं, एवं दस दिनों के बाद इसका विसर्जन करते हैं।

पर्यावरणविद प्लास्ट ऑफ पेरिस बनने वाले मूर्तियों को पर्यावरण अवरोधी मानते हैं

पर्यावरणविद प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां को पर्यावरण के अवरोधी मानते हैं। इसके अलावा मिट्टी की मूर्तियां ही मात्र एक विकल्प रह जाता है। लेकिन, इसमें भी एक कमी है जब इन प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता है तो इससे नदियों, झीलों तथा तालाबों में भारी मात्रा में गाद जमा हो जाती है।

हैदराबाद के बी.टेक की छात्रा श्रीजा का अनूठा आइडिया

हैदराबाद के बी.टेक की छात्रा श्रीजा ने एक अद्वितीय एवं टिकाऊ विकल्प तैयार किया है। मूंगफली के छिलकों एवं कृषि अपशिष्ट से गणपति की मूर्तियां बना रहीं हैं। उसने ग्रीन गैलेक्सी नामक एक इको-स्टार्टअप की स्थापना की है। छात्रा श्रीजा ने इसके लिए 20 लाख की लागत से तीन मशीनों से लैस इकाई तैयार की है। शुरुआती दौर में वो मूंगफली के छिलकों तथा कृषि अपशिष्ट से बायोडिग्रेडेबल गमले और चाय के कप बनाती थीं। तत्काल ही, उन्हें गणेश जी की मूर्ति बनाने का अनूठा आइडिया आया।

प्रतिमा बनाने में लगने वाला वक्त

अपने नये मशीनों के द्वारा, श्रीजा ने सफलतापूर्वक मूर्तियां बनाना शुरू किया है। करीब आधा फुट ऊंची प्रत्येक मूर्ति की कीमत तकरीबन 200 रुपये का है। इसको तैयार करने की प्रक्रिया बेहद आसान है। 10 मिनट के अंतराल में दो मूर्तियां तैयार की जाती हैं। इस साल गणेश चतुर्थी के लिए, उन्होंने 2,000 मूर्तियां बनाने और वितरित करने का लक्ष्य रखा है।


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