शिक्षा के मंदिर में अत्याचार ... कॉलेज में फीस के लिए प्राचार्य ने की पिटाई, पुलिस ने भी की वदसलूकी, आहत छात्र ने खुद को लगाई आग, पढ़ें पूरी खबर

इस घटना से नाराज हुए छात्रों ने कॉलेज के गेट पर जमकर हंगामा किया।;

By :  Aryan
Update: 2025-11-09 10:48 GMT

मुजफ्फरनगर। यूपी के मुजफ्फरनगर में बुढ़ाना के डीएवी कॉलेज में बागपत जिले के भड़ल निवासी बीए द्वितीय वर्ष के छात्र उज्ज्वल राणा को पांच हजार रुपये की फीस के लिए प्राचार्य ने पीटा। इतना ही नहीं इसके बाद पुलिस ने भी उसके साथ अभद्रता की। इस घटना से परेशान होकर छात्र ने कॉलेज की कक्षा में ही पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। बता दें कि युवक को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्राचार्य प्रदीप कुमार के खिलाफ मामला दर्ज

इस घटना से नाराज हुए छात्रों ने कॉलेज के गेट पर जमकर हंगामा किया। मेरठ के सरधना निवासी प्राचार्य प्रदीप कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

उज्ज्वल ने प्राचार्य प्रदीप कुमार पर लगाया आरोप

दरअसल उज्ज्वल ने आग लगाने से पहले वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि प्राचार्य प्रदीप कुमार ने अपने ऑफिस बुलवाया और यूनिवर्सिटी फीस के नाम पर पांच हजार रुपये जमा करने की बात कही। उसने प्राचार्य को बताया कि वह परीक्षा शुल्क विश्वविद्यालय में ऑनलाइन जमा कर चुका है। एक सप्ताह में गन्ने का भुगतान मिलने पर कॉलेज की फीस भी जमा करा देगा। इसपर प्राचार्य ने पहले अपने दफ्तर में गाली गलौज करते हुए पीटा और उसके बाद कॉलेज के गेट पर लाकर उसकी पिटाई की।

मुख्यमंत्री, एसडीएम और पुलिस से शिकायत की। लेकिन पुलिस ने भी उसके साथ बदसलूकी की।

घटना से आहत हो  लगा ली आग

छात्र उज्ज्वल कॉलेज पहुंचा और कक्ष में जाकर अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। इसके बाद साथियों ने किसी तरह आग बुझाई और करीब 80 फीसदी जले छात्र को सीएचसी से गंभीर हालत में पहले मेरठ फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। सीओ गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि पीड़ित की बहन की ओर से प्राचार्य प्रदीप कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

उज्ज्वल राणा ने वायरल वीडियो में कहा

मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में छात्र उज्ज्वल राणा ने वायरल वीडियो में कहा कि मेरे साथ ऐसी घटना हुई, जिसने मुझे तोड़कर रख दिया। प्राचार्य प्रदीप कुमार ने मेरे साथ अपमानजनक व्यवहार किया। मुझे गाली दी, मेरे बाल नोंचे और मेरी पिटाई की। मैंने केवल गरीब और असहाय छात्र, जो फीस नहीं होने के कारण परीक्षा फार्म जमा नहीं कर पा रहे थे, उनकी मदद करने के लिए आवाज उठाई थी।

मेरी आत्महत्या का जिम्मेदार प्राचार्य और पुलिसकर्मी होंगे

न्याय की बात की तो कॉलेज में पुलिस बुला ली गई। पुलिसकर्मी धर्मवीर, नंद किशोर और विनीत तीनों से मुझे मदद की उम्मीद थी, उन्होंने भी मुझे गालियां दी। मुझे डराने-धमकाने की कोशिश की। इन सबके शब्दों ने मेरी आत्मा को गहरी ठेस पहुंचाई है।

मुझे तोड़ दिया। ईमानदारी और कानून के प्रति सच्चाई की कड़ी टूट गई है। मैं खुद से ही सवाल पूछने लगा हूं कि क्या सच्चाई के लिए आवाज उठाना गलत है। में दर्द से गुजर रहा हूं लेकिन डरूंगा नहीं। यदि में आत्महत्या करता हूं तो इसका दोष प्राचार्य, पुलिसकर्मी नंद किशोर, धर्मवीर और विनीत पर होगा।


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