जाति-धर्म को रखा जा रहा केन्द्र में, यादव-मुस्लिम के लिए जारी आदेश पर अखिलेश के तेवर हुए तीखे...जानें पूरा मामला
ये भारतीय जनता पार्टी की रणनीति है और कुछ नहीं है;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पंचायती राज निदेशालय की ओर से जारी एक विवादास्पद आदेश से सियासी हलचल बढ़ गई है। गौरतलब है कि विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे राज्यभर में यादव और मुस्लिमों के अवैध कब्जे वाली जमीनों को मुक्त कराने के लिए अभियान शुरू करें। इसको लेकर ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार निशाना साधा है।
पंचायती राज विभाग के आदेश पर हुआ विवाद
जानकारी के मुताबिक पंचायती राज विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया गया था। जिसमें प्रदेश के लगभग 57691 ग्राम पंचायतों में यादव और मुस्लिम द्वारा अवैध कब्जों से ग्राम सभा की जमीनों, पोखरों, खाद, गड्ढों, खलिहानों, खेल मैदान, श्मशान भूमि एवं ग्राम पंचायत भवन को मुक्त कराने के लिए अभियान चलाने को कहा गया था। पंचायती राज विभाग के द्वारा यादव और मुस्लिमों से कब्जे हटाने के इस आदेश को लेकर प्रदेश में विवाद बढ़ गया है, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस आदेश को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सब बीजेपी की रणनीति है।
अखिलेश यादव ने कहा
अखिलेश यादव ने कहा कि आज जो ये कागज निकाला गया है, उससे इनकी मानसिकता साफ हो गई है। ये भारतीय जनता पार्टी की रणनीति है और कुछ नहीं है। लेकिन, पीडीए के लोग जागरुक हैं। इन बातों को ध्यान में नहीं रखेंगे, क्योंकि उनका लक्ष्य है यूपी से भारतीय जनता पार्टी का सुपरा साफ कर देना। पहले इकरा हसन सपा सांसद के खिलाफ बीजेपी नेता ने कहलवाया कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर डिंपल यादव के खिलाफ भी बीजेपी के अपने लोगों ने बोलने कहा था लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा किया
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस आदेश को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट साझा किया है, और इस मुद्दे पर कोर्ट से संज्ञान लेने का आग्रह किया है। अखिलेश यादव ने लिखा है कि जो भी गैर-क़ानूनी हो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो क्योंकि अवैध तो अवैध होता फिर क्यों किसी जाति या धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। न्यायपालिका तुरंत संज्ञान ले, ये संविधान विरोधी काम है। हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे। पीडीए को जितना प्रताड़ित किया जाएगा, पीडीए एकता उतनी ही ज़्यादा बढ़ेगी।
चंद्रशेखर सांसद ने कहा यह आदेश गैर- संवैधानिक और सांप्रदायिकता से भरा हुआ है
भीम आर्मी के संस्थापक और नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने ट्वीट किया कि यादव और मुस्लिम समुदाय का नाम लिखकर टारगेट करते हुए जमीन कब्जा हटाने का योगी आदित्यनाथ के पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का यह आदेश न सिर्फ गैर- संवैधानिक है, बल्कि घोर जातिवादी और सांप्रदायिकता से भरा हुआ है। पूरी तरह राजनीति से प्रेरित यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 पर सीधा प्रहार करता है। साथ ही, यह कर्मचारी आचरण सेवा नियमावली के तहत अनुशासनहीनता है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि अधिकारी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते।
उन्होंने आगे कहा कि हम यूपी सीएम से मांग करते हैं कि अगर इस मामले में सरकार की नियत साफ है, तो दोषी अफसरों पर सिर्फ निलंबन ही नहीं, बल्कि FIR दर्ज कर सेवा से बर्खास्तगी की कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
सीएम योगी ने रद्द किया आदेश
यूपी के सीएम ने इस मामले को लेकर तत्काल सख्त एक्शन लेते हुए आदेश को रद्द कर दिया है। सीएम योगी ने साफ कहा कि अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही पूरी निष्पक्षता, तथ्यों और कानून के अनुसार होनी चाहिए, न कि जाति या धर्म के आधार पर होगी। वहीं इस मामले में विभाग के निदेशक को भी सस्पेंड कर दिया है।