अस्ताचलगामी सूर्य और छठ मैया को ऐसे मनाएं, जानें अर्ध्य देने और पूजा की विधि...

छठ प्रकृति के प्रति आभार का पर्व है। इसमें प्रकृति, विज्ञान और आस्था तीनों का संतुलन है।;

By :  Aryan
Update: 2025-10-27 02:30 GMT

आज संध्या में होगी छठ मैया की पूजा-अर्चना। छठ पूजा में सूर्य की उपासना की जाती है। यह चार दिनों तक चलने वाला व्रत होता है। इसमें कठोर नियमों का पालन किया जाता है। व्रत करने वाले परिवार की सुख-समृद्धि और संतान के स्वास्थ्य की मंगलकामना करते हैं। छठ पूजा का कल शाम में खरना हो चुका है। आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और कल सुबह उगते हुए सूर्य को।

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देना

पहला कोई व्रत है जिसमे डूबते हुए सूर्य की भी पूजा की जाती है। दरअसल 36 घंटे का निर्जला व्रत बहुत ही कठिन होता है, लेकिन छठी मैया और सूर्यदेव की कृपा से सब संभव हो जाता है।

प्रकृति के प्रति आभार का पर्व

छठ प्रकृति के प्रति आभार का पर्व है। इसमें प्रकृति, विज्ञान और आस्था तीनों का संतुलन है। छठी व्रती कठोर नियमों का पालन करते हुए परिवार की सुख-समृद्धि मंगलकामना करती हैं।

छठ पूजा अर्घ्य देने की विधि

व्रती नदी, तालाब या घाट के किनारे जाएं

गंगाजल या शुद्ध जल से भरा पीतल का लोटा हाथ में लें

सूप में फल, ठेकुआ, नारियल, गन्ना, धूप और दीपक सजाएं

सूर्यास्त से ठीक पहले घाट पर खड़े होकर सूर्य की दिशा में मुख करें

जल अर्पण करते हुए सूर्य देव का मंत्र पढ़ें- ॐ सूर्याय नमः, ॐ आदित्याय नमः

दीप जलाकर नदी में प्रवाहित करें


Tags:    

Similar News