Changur Gang : खुद को भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ का महासचिव बताता था छांगुर, RSS और PM मोदी की फोटो का भी किया प्रयोग

छांगुर खुद को आरएसएस से जुड़े एक संगठन का सीनियर पदाधिकारी बताकर अधिकारियों और नेताओं से मिलता था।;

Update: 2025-07-19 11:56 GMT

बलरामपुर। हिंदू युवतियों को प्रेम के जाल में फंसाकर मतांतरण कराने वाले गिरोह के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के काले कारनामे को लेकर हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। छांगुर अपने को आरएसएस से जुड़े एक तथाकथित संगठन भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ का अवध क्षेत्र का महासचिव बताता था। भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ का संचालन उसके मतांतरण गिरोह का सदस्य ईदुल इस्लाम कर रहा था। दरअसल अपने मनसूबों को पूरा करने के लिए छांगुर ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम व फोटो का प्रयोग किया। उसको इस दौरान जरा भी भय नहीं लगा और उसने बलरामपुर के साथ ही मुंबई और दुबई में संपत्तियां खरीद लीं।

राजनीतिक तौर पर अलग पहचान के लिए किया तस्वीरों का इस्तेमाल

दरअसल उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड, हरियाण और महाराष्ट्र तक मतांतरण कराने में सफल रहा जलालुद्दीन उर्फ छांगुर अपने गिरोह के चार अन्य सदस्यों के साथ एटीएस की गिरफ्त में है। छांगुर खुद को आरएसएस से जुड़े एक संगठन का सीनियर पदाधिकारी बताकर अधिकारियों और नेताओं से मिलता था। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर वाला लैटरहेड भी इस्तेमाल करता था, जिससे उसे सरकारी और राजनीतिक तौर पर अलग पहचान मिल सके.।

RSS नेताओं के नाम का करते थे इस्तेमाल

बता दें कि ईदुल इस्लाम ने संगठन की विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए आरएसएस के मुख्यालय वाले शहर महाराष्ट्र के नागपुर में एक फर्जी केंद्र भी खोल रखा था। छांगुर और ईदुल इस्लाम जगह-जगह पर अपने संबंधों को पुख्ता दिखाने के लिए कई प्रमुख आरएसएस नेताओं के नाम लेते थे।

विदेशी स्रोतों से मिली थी 500 करोड़ से ज्यादा की रकम

जानकारी के मुताबिक एटीएस और ईडी की जांच में छांगुर को खाड़ी देशों सहित अन्य देशों से विदेशी स्रोतों से 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिलने की पुष्टि हुई है। बता दें कि छांगुर के पास उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां हैं।

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