DELHI METRO: सबसे पुरानी रेड और येलो लाइन होगा और स्मार्ट! DMRC ने उठाया यह अहम कदम

Update: 2025-09-13 15:00 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो की सबसे पुरानी रेड और येलो लाइन पर सिग्नलिंग सिस्टम को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए DMRC ने एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत DMRC ने एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड (ATIL) के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट किया है। यह 6 साल के लिए होगा और जरूरत पड़ने पर इसे 2 साल और बढ़ाया जा सकेगा। अब डीएमआरसी स्वदेशी सिग्नलिंग सिस्टम भी तैयार कर रही है, ताकि उपकरणों की उपलब्धता से लेकर रखरखाव तक के मामले में विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम हो।

मौजूदा डेटा लॉगिंग सुविधा को अपग्रेड करना है

बता दें कि DMRC के प्रधान कार्यकारी निदेशक का कहना है कि इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य सिग्नलिंग सिस्टम के लिए पर्याप्त मात्रा में पहले से स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध कराना और मौजूदा डेटा लॉगिंग सुविधा को अपग्रेड करना है। वहीं DMRC के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. विकास कुमार की मौजूदगी में DMRC के डायरेक्टर (इंफ्रास्ट्रक्चर) मनुज सिंघल और ATIL के डायरेक्टर (कमर्शल) सचिन देओरा ने इस कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए। दरअसल, सबसे पुरानी रेड और येलो लाइन के सिग्नलिंग सिस्टम की डिस्टेंस टू गो तकनीक से शुरू हुआ मामला अब अनअटेंडेडेट ट्रेन ऑपरेटिंग (UTO) सिस्टम चुका है।

दिल्ली मेट्रो लगभग 286 स्टेशनों को करती है कवर

बता दें कि भारत में सबसे बड़े और दुनिया में तीसरे बड़े रेलवे नेटवर्क दिल्ली मेट्रो की स्थापना 1995 में हुई थी। वर्तमान में दिल्ली मेट्रो की लाल, पीली, नीली, हरी, बैंगनी, गुलाबी, मैजेंटा, ग्रे और ओरेंज एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइनें हैं। वहीं दिल्ली मेट्रो लगभग 286 स्टेशनों के साथ लगभग 390 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र को कवर करती है। 

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