DELHI: अब छोटे मोटे अपराधों के लिए नहीं होगा केस दर्ज, जानें रेखा सरकार ने क्यों लिया यह फैसला

Update: 2025-12-31 08:16 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली की सियासत और प्रशासन में एक बड़े बदलाव की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। सीएम रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में दिल्ली जन विश्वास उपबंध संशोधन विधेयक- 2026 को मंजूरी दे दी गई। इस बिल का उद्देश्य छोटे-मोटे अपराधों को अपराध की कैटेगरी से बाहर निकालकर उन्हें सिविल पेनाल्टी में बदलना है, ताकि आम लोगों और कारोबारियों को गैरजरूरी कानूनी झंझट से राहत मिल पाए।

आम जनता की रोजमर्रा के जीवन को भी सरल करेगा

सीएम कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह विधेयक न केवल बिजनेस करना आसान बनाएगा, बल्कि आम जनता की रोजमर्रा के जीवन को भी सरल करेगा। छोटे नियमों का उल्लंघन होने पर अब आपराधिक केस नहीं दर्ज किया जाएगा, जिससे कोर्ट पर बोझ कम होगा और प्रशासनिक व्यवस्था ज्यादा प्रभावी बन सकेगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ किया कि यह बिल दिल्ली विधानसभा के विंटर सेशन में पेश किया जाएगा, जिसकी शुरुआत 5 जनवरी से होगी। दरअसल, इस बिल के दायरे में कई महत्वपूर्ण कानूनों को शामिल किया गया है।

गैरजरूरी डर या उत्पीड़न का नहीं करना होगा सामना

वहीं इनमें दिल्ली इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एक्ट, दिल्ली शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, ‘इनक्रेडिबल इंडिया’ बेड एंड ब्रेकफास्ट एक्ट, दिल्ली जल बोर्ड एक्ट, दिल्ली प्रोफेशनल कॉलेजेज एक्ट, डिप्लोमा लेवल टेक्निकल एजुकेशन एक्ट और दिल्ली एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग एक्ट जैसे कानून शामिल हैं। इन कानूनों के अंतर्गत अब मामूली उल्लंघनों के लिए जेल या आपराधिक कार्रवाई के बजाय जुर्माने का प्रावधान होगा। बिल में यह भी प्रपोजल है कि कानून लागू होने के बाद जुर्माने की राशि में खुद ब खुद हर तीन साल में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, ताकि महंगाई के साथ पेनाल्टी प्रभावी बनी रहे। दिल्ली सरकार का मानना है कि ऐसा करने से कानूनों का पालन होगा, लेकिन लोगों को गैरजरूरी डर या उत्पीड़न का सामना नहीं करना होगा।

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