शिक्षण संस्थान बना कुत्तोें के निगरानी का अड्डा, AAP ने भाजपा पर साधा निशाना!
आप पार्टी मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कहा कि भाजपा को न तो शिक्षा की चिंता है और न ही अध्यापकों के सम्मान की।;
नई दिल्ली। दिल्ली के बाद अब हरियाणा में भी शिक्षकों की ड्यूटी कुत्तों की गिनती और निगरानी में लगाने को लेकर विवाद हो रहा है। भाजपा इस फैसले के विरोध में कैथल में शिक्षक धरने पर बैठ गए हैं। इससे शिक्षक नाराज हो गए हैं उनका कहना है कि उनकी नियुक्ति बच्चों को पढ़ाने के लिए हुई है या कुत्तों की देखभाल के लिए। अध्यापकों पर इस तरह की जिम्मेदारी डालना सरकार की शिक्षा विरोधी सोच को प्रदर्शित करता है। इस मामले में आप पार्टी मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
आप पार्टी ने साधा भाजपा पर निशाना
दरअसल इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसले से लगता है कि भाजपा को न तो शिक्षा की चिंता है और न ही अध्यापकों के सम्मान की। हरियाणा में पहले से ही शिक्षा व्यवस्था बदहाल है, लेकिन सरकार उसमें सुधार करने के बजाय शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कामों में लगा रही है।
85 से 90 प्रतिशत स्कूल में हेडमास्टर
आम आदमी पार्टी ने कहा कि सरकारी आंकड़े से पता चलता है कि हरियाणा में करीब 14 हजार सरकारी स्कूल हैं, जबकि राज्य में 30 हजार से अधिक शिक्षक पद खाली पड़े हैं। लगभग 85 से 90 प्रतिशत स्कूल बिना स्थायी हेडमास्टर के चल रहे हैं। कई स्कूलों में मे 400 से 500 बच्चों पर मात्र एक शिक्षक है। इसके बावजूद कैथल जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश में हर स्कूल में आवारा कुत्तों की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी बना दिया गया।
पढ़ाई का केंद्र बना कुत्तों की निगरानी का अड्डा
बता दें कि यह मामला केवल स्कूलों तक सीमित नहीं है। रोहतक स्थित महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय में भी 24 दिसंबर 2025 को आदेश जारी कर प्रोफेसरों को परिसर में आवारा कुत्तों की निगरानी की जिम्मेदारी दे दी गई। इसका मतलब भाजपा सरकार ने शिक्षण संस्थानों को पढ़ाई के केंद्र के बजाय प्रशासनिक और निगरानी का अड्डा बना दिया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को यह तय करना होगा कि हरियाणा में अध्यापक पढ़ाएं या कुत्तों की निगरानी करें। भाजपा सरकार ने अध्यापकों को बीएलओ, चौकीदार और अब कुत्तों का रखवाला बनाकर शिक्षक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।