चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति के चुनाव की तारीख का किया ऐलान, 9 सितंबर को होगा इलेक्शन, जानें कब तक होगा नामांकन दाखिल

भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्य करते हैं। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद वोट डालते हैं, चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत।;

Update: 2025-08-01 08:32 GMT

नई दिल्ली। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अपने पद से अचनाक इस्तीफा देने के बाद से अटकलें लगाई जा रही थी कि आखिर उपराष्ट्रपति का चुनाव कब होगा। हालांकि अब चुनाव आयोग ने बताया कि उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को इलेक्शन होगा। चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार 7 अगस्त से 21 अगस्त तक नामांकन दाखिल होगा।

9 सितंबर की शाम काउंटिंग होगी

बता दें कि आयोग ने कहा कि 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। दरअसल, इलेक्शन कमीशन ने उपराष्ट्रपति के चुनाव का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। इसके अनुसार 7 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। 22 अगस्त तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी जबकि उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपना नाम वापस ले सकेंगे। वहीं 9 सितंबर की शाम काउंटिंग होगी और रिजल्ट भी घोषित किया जाएगा।

लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद डालते हैं वोट

बता दें कि भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्य करते हैं। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद वोट डालते हैं, चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत। यह प्रक्रिया गुप्त मतदान के जरिए होती है और उपराष्ट्रपति चुनने के लिए सांसदों की कुल संख्या के आधार पर बहुमत चाहिए होता है। अहम बात यह भी है कि यह चुनाव पोस्टल-बैलट से होता है। दरअसल, लोकसभा में कुल 542 सदस्यों में से एनडीए के पास 293 सदस्य हैं जबकि इंडिया गठबंधन के पास 234 सदस्य हैं। राज्यसभा में 240 सदस्यों की प्रभावी संख्या में से एनडीए को करीब 130 और इंडिया गठबंधन को 79 सांसदों का समर्थन है। देखा जाए तो एनडीए के पास कुल 423 और इंडिया के पास 313 सांसदों का समर्थन है।

उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों की नहीं हुई घोषणा

दरअसल, फिलहाल उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संसद के मॉनसून सत्र के शुरुआत में ही इस्तीफा दे दिया। उनके अचानक इस्तीफे से सियासत भी तेज हो गई है। वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया था कि धनखड़ के केंद्र सरकार से रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं और इसी वजह से धनखड़ ने खुद ही इस्तीफा दे दिया।   

Tags:    

Similar News