खुशखबरी: नवरात्र से महंगाई पर लगेगा लगाम, आवश्यक वस्तुओं का घट जाएगा दाम, जानें GST रिफॉर्म से क्या-क्या चीजें कितनी होंगी सस्ती
नई दिल्ली। आम आदमी को नवरात्र के पहले पूजा से भारत सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। इस दिन से लागू होने वाले नए GST रिफॉर्म का असर सीधे-सीधे आपकी जेब पर दिखेगा। खाने-पीने की चीजों से लेकर रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं और महंगे इलेक्ट्रॉनिक सामान तक पर टैक्स कम किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि इस फैसले से न केवल आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था में खपत भी बढ़ेगी। पिछले कुछ सालों से लगातार यह शिकायत सामने आ रही थी कि जीएसटी की दरें कई आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर अपेक्षाकृत अधिक हैं।
नए जीएसटी दर को लोगों को होगा फायदा
नए जीएसटी दरें लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को सीधा फायदा होगा। उदाहरण के लिए अगर कोई परिवार महीने का राशन 5,000 रुपये का लेता है, तो अब उसे 300-500 रुपये तक की बचत होगी। इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने पर 2,000 से लेकर 15,000 रुपये तक की राहत मिल सकती है। बाइक और कार खरीदने पर कीमत में 10,000 से 50,000 रुपये तक का अंतर पड़ेगा। त्योहारी सीजन में यह बदलाव उपभोक्ताओं के लिए और भी फायदेमंद साबित होगा क्योंकि इस दौरान लोग नई खरीदारी करते हैं। महंगाई के कारण मध्यम वर्ग और गरीब तबके की जेब पर दबाव बढ़ रहा था। ऐसे में सरकार ने व्यापक समीक्षा कर यह तय किया कि रोजमर्रा से जुड़ी चीजों और उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स घटाया जाए।
नए जीएसटी रेट्स लागू होने के बाद जिन वस्तुओं कीमत में कमी आएगी, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
खाने-पीने की चीजें
पैकेटबंद खाद्य सामग्री जैसे आटा, चावल, दाल
दूध उत्पाद जैसे पनीर, घी, मक्खन
ब्रेड, बिस्कुट और स्नैक्स
पहले इन पर 5% या 12% तक जीएसटी लगता था, जिसे अब घटाकर 0% से 5% कर दिया गया है।
रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं
साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू
डिटर्जेंट और क्लीनिंग प्रोडक्ट
बच्चों के कपड़े और जूते
अब इन पर जीएसटी की दर 18% से घटाकर 12% या 5% कर दी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान और होम अप्लायंसेज
एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी
मोबाइल फोन और लैपटॉप
किचन अप्लायंसेज (मिक्सर, इंडक्शन, गीजर आदि)
इन वस्तुओं पर पहले 28% तक टैक्स लगता था, जिसे घटाकर 18% किया जा रहा है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर
टू-व्हीलर (स्कूटी और बाइक)
कार (हैचबैक और सेडान)
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स
0% जीएसटी क्या है?
अब 0% जीएसटी की बात करें। इसमें सामान या सेवा टैक्स के दायरे में आती है, लेकिन टैक्स दर 0% होती है। सबसे खास बात यह कि विक्रेता को ITC मिलता है, यानी जो टैक्स उन्होंने इनपुट्स पर चुकाया है, वह वापस ले सकते हैं। इससे लागत घटती है और ग्राहक को सामान सस्ता मिलता है। उदाहरण के लिए, निर्यात किए गए सामान या अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 0% जीएसटी लगता है।