Gopal Khemka Murder: मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद सामने आया हत्या का यह कारण, जानें कातिलाना हमला के लिए किस तरह रची साजिश
डीजीपी विनय कुमार, एडीजे ऑपरेशन कुंदन कृष्णन, आईजी पटना रेंज जितेंद्र राणा और SSP कार्तिके के शर्मा ने की प्रेस कांफ्रेंस;
पटना। व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या मामले में हुई गिरफ्तारी को लेकर पटना पुलिस मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस किया गया है। जिसे डीजीपी विनय कुमार, एडीजे ऑपरेशन कुंदन कृष्णन, आईजी पटना रेंज जितेंद्र राणा और SSP कार्तिके के शर्मा ने संबोधित किया है। इस पूरे मामले में पटना पुलिस ने कई अहम खुलासे किए हैं।
हत्या में प्रयुक्त मोटसाइकिल बरामद
बता दें कि डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि सबसे पहले मुख्यालय के निर्देशन में एक SIT का गठन किया गया और अनुसंधान शुरू किया गया। एसटीएफ के सहयोग से तकनिकी अनुसंधान एवं सीसीटीवी के अवलोकन से घटना करने वाले व्यक्ति का पीछा करते हुए पटना पुलिस उसके ठिकाने तक पहुंची। डीजीपी ने आगे बताया कि वहां से गोपाल खेमका की हत्या में प्रयुक्त मोटसाइकिल को बरामद किया गया।
उमेश यादव ने गोपाल खेमका की हत्या की बात स्वीकार की
उन्होंने आगे मोटसाइकिल मालिक के बारे में आस-पास के लोगो से पूछताछ की गई तो पता चला कि यह मोटसाइकिल उमेश यादव की है। जो सामने वाले मकान में रहता है। उक्त मकान में पहुंच कर तलाशी ली गई तो घटना के समय पहनी गई शर्ट, जूता, हेल्मेट, मास्क, आदि को बरामद किया गया। उसके बाद उमेश यादव से पूछताछ शुरू की गई। वहीं डीजीपी ने आगे कहा कि गहन पूछताछ के क्रम में उमेश यादव ने गोपाल खेमका की हत्या की बात स्वीकार की।
एक 9 MM पिस्टल, दो मैगजीन एवं 14 गोली बरामद
हालांकि घटना में प्रयुक्त हथियार एवं गोली के बारे में पूछने पर बताया कि घटना के बाद उसने अपने घर के प्रथम तल्ला पर छिपाकर रख दिया है। इसकी निशानदेही पर प्रथम तल के कमरे की तलाशी लेने पर 7.62 MM का 56 राउंड जिंदा कारतूस, एक 9 MM पिस्टल, दो मैगजीन एवं 14 गोली बरामद की गई। वहीं उनका कहना है कि उमेश यादव ने बताया कि घटना को अंजाम देने लिए चार लाख रुपये की सुपारी तय की गई थी। 50 हजार रुपये अग्रिम रूप में दिए गए और शेष बची राशि घटना होने के अगले दिन यानी 05.07.2025 को सुबह 08 बजे जे०पी० गंगापथ, मालसलामी थाना क्षेत्र में अशोक साव के जरिए दी गई थी।
अशोक साव के जरिए दो मोबाइल खरीदा गया
वहीं डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि अशोक साव से उमेश की मुलाकात बिहारशरीफ में करीब डेढ़ साल पहले एक शादी समारोह में हुई थी। तब से ये इनके लिए छोटे-मोटे काम कर रहा था। करीब डेढ़ महीने पहले अशोक साव ने गोपाल खेमका की हत्या करने का षडयंत्र रचा। अशोक साव ने गोपाल खेमका की हत्या करने के लिए शूटर एवं हथियार की व्यवस्था करने के लिए कहा। अशोक साव के जरिए दो मोबाइल खरीदा गया। एक अपने पास रख लिया, एक उमेश को दे दिया। इनके नाम से एक सिम ले लिया। अशोक साव ने उमेश यादव से कहा कि हम इसी नंबर से बातचीत करेंगे।
4 लाख की सुपारी की मांग
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अशोक साव और उमेश यादव ने मिलकर घटनाओं में संलिप्त रहने वाले अपराधकर्मियों से संम्पर्क किया। उमेश यादव के इलाके के विकास उर्फ राजा जिसके ऊपर हत्या, डकैती, आर्म्स एक्ट के कई कांड दर्ज है, उससे हत्या करने के लिए संपर्क किया। तो शूटर विकास उर्फ राजा के जरिए 4 लाख रुपये की सुपारी की मांग की गई।
उसके बाद उमेश यादव के मन में विचार आया कि क्यों न यह हत्या स्वंय कर के सुपारी के सारे रुपया खुद रख लें। इसी क्रम में अशोक साव के जरिए 9 MM के हथियार, दो मैगजीन 18 गोली इन्हें मुहैया कराया। गोपाल खेमका की फोटो एवं गाड़ी रजि० नम्बर उपलब्ध कराया गया। गोपाल खेमका हर रोज शाम में 08 बजे बांकीपुर क्लब जाना एवं करीब 11:30 बजे रात में खुद गाड़ी चला कर घर वापस आ जाते थे। क्लब से निकलते समय अपने मित्र सुदेश सरिन को बाकरगंज मोड़ पर उतार कर अपने घर चले जाते थे।
उमेश यादव दिनांक 04 जुलाई को करीब 11:30 बजे बांकीपुर क्लब पहुंचा तो गोपाल खेमका की गाड़ी लगे देखा तो ये तुरंत उनके आवास की ओर बढ गया और गोपाल खेमका के आने का इंतजार करने लगा। कुछ समय बाद गोपाल खेमका अपनी कार खुद चलाते हुए अपने अपार्टमेंन्ट के गेट पर जैसे ही रूके तो उमेश यादव ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। वहां से उमेश अपने मोटरसाईकिल से जमाल रोड बाईपास थाना के सामने मालसलामी, देवी स्थान होते हुए अपने घर चले गए और हथियार को अपने घर के उपर वाले कमरे में छिपा कर रख दिया। अगले दिन सुबह तय समय के अनुसार करीब 08 बजे जेपी गंगा पथ पर मालसलामी घाट के पास ये पहुंच कर अशोक साव का इंतजार कर रहा था। थोड़ी देर के बाद अशोक साव वहां पहुंचा और सुपारी की शेष बची राशि 3 लाख 50 हजार रुपये दिए और मोबाइल दे दिया। इसके बाद ये लोग अपने-अपने घर चले गए। घर जा कर अशोक साव ने देखा कि मोबाइल में सिम नहीं था।
अनुसंधान में उमेश यादव की निशानदेही पर उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट न. 601 की तलाशी ली गई, जहां से 6 लाख 50 हजार रुपये नगद, एक पिस्टल, 17 जिंदा कारतूस, जमीन का ढेर सारा कागजात, मोबाइल एवं अन्य समान बरामद किए गए। उसके बाद अशोक साव को गिरफ्तार किया गया। उनसे पूछ-ताछ करने पर उन्होंने बताया कि जमीन एवं बांकीपुर क्लब का विवाद होने के कारण गोपाल खेमका की हत्या करवाई गई।