Hindus Protest In London:बांग्लादेश हिंसा पर लंदन में बवाल! खालिस्तानी समूह ने मचाया हुड़दंग...
हिंदू समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार शोनार बांग्ला' भी बजाया।;
नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या और हिंसा के खिलाफ लंदन में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर भारतीय और बांग्लादेशी हिंदू समुदाय के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान 5 खालिस्तान समर्थक भी बांग्लादेश के समर्थन में वहां पहुंच गए। इस कारण माहौल और गरम हो गया। बता दें कि खालिस्तानी समर्थकों ने बांग्लादेश के पक्ष में जमकर नारे लगाए और खालिस्तानी झंडे लहराते हुए जमकर हुड़दंग किया। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।
हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं चिंताजनक
बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर मौजूद हिंदू प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह आयोजन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और मानवीय था। इसका किसी भी देश की आंतरिक राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। हिंदू प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, हाल के महीनों में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ी हैं।
हिंदू समुदाय के लोगों ने की सुरक्षा की मांग
प्रदर्शन कर रहे हिंदू समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को तुरंत रोकने की मांग की। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देना चाहिए। बता दें कि लंदन में यह प्रदर्शन ऐसे समय हुआ, जब एक दिन पहले ही भारत में भी बांग्लादेश में कथित अत्याचारों को लेकर कई जगह विरोध प्रदर्शन किए गए थे।
गौरतलब है कि हिंदू समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और बांग्लादेश का राष्ट्रगान आमार शोनार बांग्ला भी बजाया।
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की भारत ने भी की निंदा
इस बीच भारत सरकार ने भी बांग्लादेश में हिन्दुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर गहरी चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हिंसा को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है। उन्होंने कहा कि हिंदू युवक की हत्या की हम निंदा करते हैं और दोषियों को सजा मिलने की उम्मीद करते हैं।