अगर आप देश के इन एअरपोर्ट्स पर फोटो-वीडियो लेते हैं तो लग सकता है जुर्माना, जानें DGCA ने क्या निर्देश किया जारी

देश की पश्चिमी सीमा के पास मौजूद संवेदनशील एअरबेस जैसे अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर और जैसलमेर एयरपोर्ट पर डीजीसीए का यह निर्देश सख्ती से लागू रहेगा।;

Update: 2025-05-23 06:05 GMT

नई दिल्ली। देश की हवाई यात्रा को लेकर नागरिक उड्डयन मानिदेशालय (DGCA) ने सख्त फैसला लिया है। वहीं DGCA का यह निर्देश के उन विमानों पर लागू होगा जो सेना के हवाई अड्डों से उड़ान भरते हैं या वहां उतरते हैं। DGCA ने यह कदम देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है।

इन एयरपोर्ट के लिए जारी किया निर्देश

बता दें कि देश की पश्चिमी सीमा के पास मौजूद संवेदनशील एअरबेस जैसे अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर और जैसलमेर एयरपोर्ट पर डीजीसीए का यह निर्देश सख्ती से लागू रहेगा। वहीं इस निर्देश में खास तौर पर कहा गया है कि इन इलाकों से टेकऑफ या लैंडिंग के वक्त यात्रियों को विंडो शेड्स नीचे रखने होंगे। इतना ही नहीं डीजीसीए ने बताया कि यह नियम तब तक लागू रहेंगे जब तक विमान 10 हजार फीट की ऊंचाई तक नहीं पहुंच जाता है या फिर जमीन पर रुक नहीं जाता है।

विंडे शेड्स लगाए रखने का फरमान किया जारी

दरअसल, पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि यात्री इन संवेदनशील एअरबेस पर उड़ान भरते वक्त या टेकऑफ के दौरान खिड़की से बाहर के फोटो या वीडियो बना लेते हैं और फिर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देते हैं। वहीं इन तस्वीरों में सेना की गतिविधियां, एअरबेस की बनावट और दूसरी संवेदनशील हिस्से भी दिख गए हैं, इससे देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डीजीसीए ने विंडे शेड्स लगाए रखने का फरमान जारी किया है।

केबिन क्रू को दी जाएगी खास ट्रेनिंग

डीजीसीए ने अपने निर्देश में साफ तौर पर कहा है कि यात्रियों द्वारा सैन्य हवाईअड्डों पर फोटो और वीडियो लेने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई यात्री इस नियम को तोड़ता हुआ पाया जाता है तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं नियम तोड़ने वालों पर नागरिक उड्डयन नियमों के तहत जुर्माना या दूसरी सजा भी हो सकती है। इसके साथ ही DGCA ने एअरलाइनों को कहा कि वे यात्रियों इसकी जानकारी फ्लाइट से पहले और फ्लाइट के दौरान और बार-बार दें। इसके लिए केबिन क्रू को खास ट्रेनिंग दी जाएगी।

एअरलाइनों को रूटीन प्रक्रिया में करना होगा बदलाव

बता दें कि अब एअरलाइनों को अपनी रूटीन प्रक्रिया में बदलाव करना होगा। इसके साथ ही एअरलाइनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि टेकऑफ और लैंडिंग के समय सभी खिड़कियों के पर्दे नीचे रहें। वहीं इसके लिए एअरलाइंस अपने ग्राउंड स्टाफ और केबिन क्रू को स्पेशल ट्रेनिंग देंगी। हालांकि बोर्डिंग गेट पर और विमान के अंदर नोटिस बोर्ड या स्क्रीन के जरिए इस नियम की जानकारी दी जाएगी। दरअसल, कुछ एयरलाइंस ने पहले से ही इन उपायों पर काम शुरू कर दिया है। जैसे कि फ्लाइट से पहले घोषणाओं में सुरक्षा नियमों को जोड़ना।

DGCA ने यात्रियों से की यह अपील

वहीं सरकार और DGCA ने यात्रियों से अपील करते हुए कहा है कि इस नियम को गंभीरता से लें और पालन करें। इसके साथ ही यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे सैन्य एअरबेस से उड़ान के दौरान न तो फोटो लें और न ही वीडियो बनाएं।

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