चाबहार पोर्ट पर भारत को मिली 6 महीने की रियायत! जानें इस बंदरगाह से व्यापार को कैसे मिलेगी मजबूती

भारत ने 2024 में चाबहार को 10 साल के लिए लीज पर लिया है।;

By :  Aryan
Update: 2025-10-30 15:00 GMT

नई दिल्ली। अमेरिका और भारत के बीच तनाव कम होता नजर आ रहा है। दरअसल अमेरिकी सरकार ने भारत को ईरान के चाबहार बंदरगाह पर प्रतिबंधों से छह महीने के लिए रियायत दे दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज यानी गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी साझा की।

अमेरिका ने भारत को दी राहत

बता दें कि रूस के कच्चा तेल खरीदने की वजह से भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। हालांकि अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को बड़ी राहत देते हुए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर प्रतिबंधों से 6 महीने की छूट दी है। जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी।

चाबहार बंदरगाह भारत को व्यापार करने में करता है मदद

जानकारी के मुताबिक, इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि वो 29 सितंबर से इस बंदरगाह को चलाने, पैसे देने अथवा उससे जुड़े किसी काम में शामिल कंपनियों पर जुर्माना लगाएगा। हालांकि बाद में इस छूट को बढ़ाकर 27 अक्टूबर कर दिया गया था । हालांकि, अब इसे 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। भारत ने 2024 में चाबहार को 10 साल के लिए लीज पर लिया है। इसके तहत भारत यहां 120 मिलियन डॉलर निवेश करेगा और 250 मिलियन डॉलर का सस्ता कर्ज देगा। दरअसल चाबहार बंदरगाह भारत को अफगानिस्तान, मध्य एशिया, रूस और यूरोप से सीधे व्यापार करने में मदद करता है।

चाबहार पोर्ट को छूट से भारत को मिलेंगे ये फायदे

1. बिना पाकिस्तान के रास्ते मध्य एशिया तक जा सकते

अब भारत को अफगानिस्तान या दूसरे एशियाई देशों तक सामान भेजने के लिए पाकिस्तान के रास्ते से नहीं जाना पड़ेगा।

भारत ईरान के चाबहार पोर्ट से सीधा अपना माल अफगानिस्तान और मध्य एशिया भेज सकता है। इससे समय और पैसा दोनों बचेंगे।

2. व्यापार को मिलेगी मजबूती

भारत अब चाबहार के जरिए अपने सामान, दवाएं, फूड और इंडस्ट्रीयल प्रोडक्ट आसानी से दूसरे देशों तक भेज सकेगा।

इससे भारत का एक्सपोर्ट बढ़ेगा और लॉजिस्टिक खर्च कम होगा।

भारत को ईरान से तेल खरीदने में आसानी होगी। दोनों देश मिलकर चाबहार को एक ट्रेड हब बना सकते हैं।

3. भारत का निवेश रहेगा सुरक्षित

 भारत ने चाबहार पोर्ट के विकास में काफी पैसा और संसाधन लगाए हैं।

 अमेरिका की छूट से अब भारत अपने प्रोजेक्ट को बिना रुकावट के आगे बढ़ा सकेगा।

4. चीन-पाकिस्तान का काउंटर

 चाबहार बंदरगाह, पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट जहां पर चीन निवेश कर रहा है, उसके नजदीक है।

 इसलिए यह बंदरगाह भारत को रणनीतिक रूप से मजबूती प्रदान करता है। चीन-पाकिस्तान गठजोड़ को काउंटर करने में मदद करता है।


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