ट्रंप-पुतिन के बीच हुई वार्ता का भारत ने किया स्वागत, विदेश मंत्रालय ने कहा- शांति की दिशा में उनका नेतृत्व काफी सराहनीय

Update: 2025-08-16 11:46 GMT

नई दिल्ली। अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच हुए शिखर सम्मेलन का भारत ने स्वागत किया है। इस मुलाकात को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि दुनिया जल्द से जल्द युद्ध का अंत चाहती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर बैठक का स्वागत करता है।

रास्ता केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकल सकता है

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि शांति की दिशा में उनका नेतृत्व काफी सराहनीय है। भारत शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि आगे का रास्ता केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकल सकता है। दरअसल ट्रंप और पुतिन के बीच करीब 3 घंटे तक चली बैठक के बाद दोनों नेताओं ने एक संक्षिप्त संयुक्त प्रेस वार्ता की। किसी समझौते की घोषणा नहीं हुई और न ही किसी नेता ने सवालों के जवाब दिए। ट्रंप ने इस चर्चा को बहुत उपयोगी बताया।

टैरिफ की वजह से रूस ने एक प्रमुख तेल ग्राहक खो दिया

बता दें कि ट्रंप ने रहस्यमय ढंग से कहा कि कुछ बड़े समझौते ऐसे हैं जिन तक हम अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं, लेकिन हमने कुछ प्रगति की है। एक समझौता शायद सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारे पास उस तक पहुंचने की बहुत अच्छी। वहीं अमेरिका ने हाल ही में रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर 25 फीसदी टैरिए लगाए हैं। पुतिन के साथ अपनी बैठक से पहले ट्रंप ने दावा किया कि भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ की वजह से रूस ने एक प्रमुख तेल ग्राहक खो दिया है। अलास्का में मीटिंग के बाद ट्रंप ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम जिस समझौते पर पहुंचे हैं, वह हमें उस लक्ष्य (समाधान खोजने) के और करीब लाने में मदद करेगा और यूक्रेन में शांति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मुझे लगता है कि हमारी बैठक बहुत ही उपयोगी रही। ऐसे कई मुद्दे थे जिन पर हमारे बीच सहमति बनी।

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