इन देशों में बेचे जाते हैं भारतीय मानव अंग, NIA के हलफनामे से हुआ खुलासा

एनआईए के मुताबिक, हिरासत में पूछताछ के जरिए पहले आरोपी का अन्य किडनी गिरोहों के साथ संबंध का खुलासा हो सकेगा।;

Update: 2025-12-18 10:10 GMT

नई दिल्ली। केरल में मानव तस्करी का एक मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद NIA ने जांच की, उस दौरान अवैध अंग दान के लिए लोगों की तस्करी करने वाले गिरोह का पता चला। दरअसल इस गिरोह ने ईरान के अलावा इस साल ओडिशा से भी दो लोगों को ताजिकिस्तान भी भेजा था। एनआईए ने अदालत में दाखिल एक हलफनामे में नए विवरण का खुलासा किया। उसके बाद एनआईए ने पहले आरोपी मधु जयकुमार की हिरासत की अवधि बढ़ाने की गुजारिश भी की। बता दें कि आरोपी केरल के पलारिवट्टोम का रहने वाला है।

ईरान के अस्पतालों तक यात्रा की सुविधा मुहैया कराता था

दरअसल यह मामला पिछले साल 18 मई को संज्ञान में आया था। उसके बाद सबिथ नाम के व्यक्ति को अंग तस्करी गिरोह का हिस्सा होने के संदेह में कोच्चि हवाई अड्डे पर अधिकारियों ने रोका था। इसके बाद अगली जांच में विजयवाड़ा के मूल निवासी बेलमकोंडा राम प्रसाद की गिरफ्तारी हुई। जानकारी के अनुसार, बेलमकोंडा राम ने अवैध अंग प्रतिरोपण के लिए अंग दाताओं और प्राप्तकर्ताओं को ईरान के अस्पतालों तक यात्रा की सुविधा मुहैया कराई थी।

आरोपी जयकुमार ने एनआईए को दी जानकारी

वहीं, लगभग एक साल अधिक समय से भागा आरोपी जयकुमार को इस साल सात नवंबर को एनआईए ने नई दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार, जयकुमार ने पूछताछ के दौरान उन 27 प्राप्तकर्ताओं के नामों का खुलासा किया, जिन्होंने ईरान में किडनी ट्रांसप्लांट करवाया था। एनआईए ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी जयकुमार ने 11 डोनर्स के नामों का भी खुलासा किया है।

एनआईए ने जयकुमार की हिरासत की समय सीमा बढ़ाने की मांग रखी

दरअसल हलफनामे के मुताबिक, मामला दर्ज होने के बाद भी 2025 में ओडिशा के दो व्यक्तियों को ताजिकिस्तान भेजा गया था। जहां आरोपियों के जरिए उन व्यक्तियों की किडनी अमीर लोगों में प्रत्यारोपित की गई थी। एनआईए ने अवैध अंग व्यापार के माध्यम से कमाई करने के मामले में जयकुमार की हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग की।

पूछताछ के जरिए पता चलेगा अन्य गिरोहों का ठिकाना

एनआईए ने आगे कहा कि जयकुमार से अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन से निकाले गए बैंक खाते के विवरण और तस्वीरों के संबंध में भी पूछताछ की जानी चाहिए। एनआईए के मुताबिक, हिरासत में पूछताछ के जरिए पहले आरोपी का अन्य किडनी गिरोहों के साथ संबंध का खुलासा हो सकेगा। गौरतलब है कि जयकुमार अभी एनआईए की हिरासत में है। एनआईए ओडिशा के दो दानदाताओं का पता लगाने का प्रयास रही है जिन्हें ताजिकिस्तान भेजा गया था।


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