भारतीय छात्र ने अमेरिका में बढ़ाया देश का रुतबा, जीती 10,000 डॉलर की छात्रवृत्ति

जपतेग, जो डलहौज़ी पब्लिक स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र हैं, ने यह प्रोजेक्ट सीएसआईआर-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (जम्मू) के वरिष्ठ वैज्ञानिक नासिर उल रशीद के मार्गदर्शन में तैयार किया।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-05-04 17:01 GMT

भारतीय छात्र जपतेग सिंह बमराह को अमेरिका की ‘ऑनर्सग्रैडयू 2025 छात्रवृत्ति’ मिली है। उन्हें उनके ‘सोलर मेक इंजन’ प्रोजेक्ट के लिए "बिल्ड ए बेटर फ्यूचर" अवॉर्ड भी मिला है। इस उपलब्धि के साथ उन्हें 10,000 डॉलर की छात्रवृत्ति और अतिरिक्त 5,000 डॉलर का ग्रांट मिलेगा। यह जानकारी रविवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई।

जपतेग, जो डलहौज़ी पब्लिक स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र हैं, ने यह प्रोजेक्ट सीएसआईआर-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (जम्मू) के वरिष्ठ वैज्ञानिक नासिर उल रशीद के मार्गदर्शन में तैयार किया। यह प्रोजेक्ट 'जिज्ञासा हैकथॉन' पहल के तहत बनाया गया था। उनके इस विचार को दुनिया भर से आए हजारों आवेदनों में से चुना गया है। इस साल केवल पांच छात्रों को यह छात्रवृत्ति दी गई है।

ऑनर्सग्रैडयू स्कॉलरशिप एक गैर-लाभकारी पहल है, जो छात्रों को नवाचार और सतत विकास के क्षेत्र में सहयोग करती है। यह स्कॉलरशिप केवल पांच बेहतरीन प्रोजेक्ट्स को दी जाती है और हर विजेता को अमेरिका में कॉलेज की पढ़ाई के लिए 10,000 डॉलर मिलते हैं। इसके अलावा जिस प्रोजेक्ट को तकनीकी रूप से सबसे बेहतर माना जाता है, उसे 5,000 डॉलर अतिरिक्त दिए जाते हैं।

बमराह का 'सोलर मेक इंजन' एक ऐसा मॉडल है जो ऊर्जा की टिकाऊ व्यवस्था पर आधारित है। इसमें कम प्रतिरोध वाला जनरेटर है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन का उपयोग करके यांत्रिक ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में बदलता है। यह तकनीक एक रिवर्सिबल हीट पंप की तरह भी काम करती है।

यह प्रोजेक्ट पहले सीएसआईआर जिज्ञासा हैकथॉन 2024 का विजेता भी रह चुका है। बमराह ने यह प्रोटोटाइप सीएसआईआर-IIIM की आधुनिक प्रयोगशालाओं में तैयार किया, जहां उन्हें रिसर्च टूल्स, इंडस्ट्री कनेक्शन और तकनीकी मार्गदर्शन मिला। संस्थान के खुले नवाचार तंत्र ने उनकी कल्पना को एक वैश्विक स्तर की तकनीक में बदलने में मदद की।

बमराह ने कहा कि उन्हें सीएसआईआर-IIIM में नए विचारों को विकसित करने का अच्छा माहौल मिला, जिससे उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।

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