"सरेंडर शब्द का प्रयोग करके सेना का अपमान"... राहुल गांधी के बयान पर भाजपा का पलटवार, कहा- बेहद घटिया बयान, उनमें परिपक्वता का अभाव
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "स्वघोषित, स्वयंभू, सर्वोच्च नेता, विपक्ष के नेता राहुल गांधी बेहद घटिया।;
नई दिल्ली। भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर सियासी वार-पलटवार भी हो रहा है। राहुल गांधी ने भोपाल में ऑपरेशन सिंदूर व पीएम मोदी को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के इशारे पर जी हुजूर करके सीजफायर कर दिया। उनके इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया। सुधांशु ने कांग्रेस नेता के बयान को घटिया बताया और कहा कि उनमें अभी परिपक्वता का अभाव है।
क्या बोले सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा और कांग्रेस के बीच सैनिकों की कार्रवाई और सरकार की जवाबदेही को लेकर जुबानी जंग जारी है। ताजा घटनाक्रम में भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी कहते हैं, "स्वघोषित, स्वयंभू, सर्वोच्च नेता, विपक्ष के नेता राहुल गांधी बेहद घटिया, निम्नस्तरीय बयान देकर दुनिया को बता रहे हैं कि विपक्ष का नेता बनने के बाद भी उनमें गंभीरता और परिपक्वता का अभाव है, जिसकी इस पद को जरूरत है। जिस तरह से राहुल गांधी ने हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना अधिकारियों के ब्रीफिंग की तुलना आत्मसमर्पण से की, उससे पता चलता है कि उनकी मानसिकता कितनी बीमार और खतरनाक हो गई है।"
राहुल गांधी ने आत्मसमर्पण शब्द का प्रयोग करके सेना का अपमान किया है
सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "जो व्यक्ति चुनाव परिणाम में तीसरी बार तीन अंक से कम प्राप्त करने को सफलता मानता है, तथा तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने को हार मानता है, उसकी बुद्धि और विवेक का स्तर स्पष्ट है। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं कि क्या राहुल गांधी ने आत्मसमर्पण शब्द का प्रयोग करके सेना का अपमान किया है या नहीं? उन्होंने ऐसा शब्द प्रयोग किया है, जिसका प्रयोग पाकिस्तान की सेना, आतंकवादी संगठन या संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी मसूद अजहर या हाफिज सईद ने भी नहीं किया है।"
नया मुल्ला ज्यादा प्याज खाता है...
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा 'नया मुल्ला ज्यादा प्याज खाता है।' लेकिन यहां 'गैर मुल्ला इस कदर प्याज खाने में लगा है', कि उसे एहसास ही नहीं है कि वो इस देश के स्वाभिमान और सेना के शौर्य का कितना अपमान कर रहा है।''
मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं...
सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा ''अभी तक कांग्रेस के नेता पाकिस्तानी मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे थे, उनके बयान पाकिस्तानी संसद में उद्धृत किए जा रहे थे। लेकिन पहली बार राहुल गांधी ने कुछ ऐसा कहा है जो पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने भी नहीं कहा है, न ही पाकिस्तान के किसी आतंकवादी संगठन ने। यहां तक कि मसूद अजहर या हाफिज सईद ने भी ऐसा कुछ नहीं कहा है. उनमें से किसी ने भी नहीं कहा कि भारत ने आत्मसमर्पण किया है। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं- क्या वो इन लोगों से एक कदम आगे निकलना चाहते हैं? अभी तक वो पाकिस्तान के लोगों, पाकिस्तानी सेना और आतंकवादी संगठनों को कवर फायर दे रहे थे। क्या वो अब उनके नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं?''
1971 में 93 हजार युद्धबंदी थे...
"राहुल गांधी, अगर आपको सरेंडर का मतलब समझना है तो याद कीजिए जब आप दो साल पहले विदेश गए थे तो आपने कहा था कि लोकतंत्र के रक्षक अमेरिका और यूरोप चुप क्यों हैं और भारत में दखल क्यों नहीं दे रहे हैं। वो सरेंडर था 26/11 के आतंकी हमले के बाद आपकी सरकार ने शर्म-अल-शेख में कहा था कि आतंकी हमलों से समग्र वार्ता प्रभावित नहीं होगी।
ये आतंकी मानसिकता के आगे सरेंडर था। 1971 में 93 हजार युद्धबंदी थे। फिर भी आपने POK क्यों सरेंडर किया? राहुल गांधी, आजाद भारत का कैलेंडर आपके, आपकी पार्टी और आपके परिवार के सरेंडर से भरा पड़ा है। भारत किसी के आगे सरेंडर नहीं कर सकता। हम दुनिया की एकमात्र सभ्यता हैं जो हजारों साल के हमले के बाद भी मौजूद है और आप ये मानने को तैयार नहीं हैं। "