कलयुगी बेटे ने 25 लाख की लालच में जिंदा पिता की निकाली शोक यात्रा, सच्चाई जानकार हो जाएंगे हैरान, जानें पूरा मामला
फरीदाबाद। 25 लाख के मुआवजे के लिए बेटे ने पन्हेड़ा कला में जिंदा पिता की शोक यात्रा निकाली। पिता को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने शव यात्रा रोकने के लिए गांव के सरपंच को भेजा था। बेटे ने गांव में शव यात्रा निकालने के पोस्टर भी चिपकाए थे। बेटे ने इसका प्रचार सोशल मीडिया पर भी किया था। महाकुंभ में मरने वाले लोगों के परिवार को मुआवजा मिलने का लालच था।
गलत तरीके से फायदा उठाने की कोशिश
बता दें कि सरकार की इस घोषणा का फायदा गलत तरीके से उठाने के लिए राजेंद्र देव ने इस तरह की साजिश रची थी। दरअसल, महाकुंभ के दौरान भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई थी। जिसके बाद सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी। वहीं मुआवजे की लालच में अपने जिंदा पिता लालचंद को मृत घोषित कर गांव में शोक यात्रा निकाली। पुलिस के अनुसार लालचंद का आरोप है कि बेटे राजेंद्र देव महाराज ने उसको जान से मारना चाहता है, इसलिए वह पिछले 9 महीने से घर से गायब था। अब बेटा कह रहा है कि यह पिता को तलाशने का तरीका था।
21 किलो आटे का दीप जलाकर निकाली
दरअसल, यह शोक यात्रा लालचंद के बेटे राजेंद्र देव ने 21 किलो आटे का दीप जलाकर निकाली। यात्रा ढोल नगाड़े के साथ निकाली गई। इससे पहले राजेंद्र देव की ओर से गांव में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए। साथ ही, सोशल मीडिया पर लोगों को यात्रा में शामिल होने के लिए गुजारिश की। राजेंद्र देव ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु हो चुकी है। उनकी याद में शोक यात्रा निकाली गई है। इस घटना के बारे में जब उनके पिता लालचंद को पता चला तो उन्होंने अलीगढ़ से ही सरपंच धर्मवीर के पास फोन कर यात्रा को रोकने के लिए कहा। धर्मवीर गांव के लोगों के साथ जब उसके घर पर पहुंचे तो यात्रा घर से निकल चुकी थी। चौराहे पर यात्रा को रोककर पिता लालचंद से उसकी बात करवाई गई।
इंसाफ दिलाने के लिए पंचायत का आयोजन किया गया
बता दें कि बेटे राजेंद्र देव ने जबरदस्ती उनकी जमीन अपने नाम करवा ली। वहीं उसके बाद मारपीट कर नौ महीने पहले घर से निकाल दिया था। तब से वह अलीगढ़ में एक छोटी सी कुटिया में तीन अनजान लोगों के साथ रह रहे थे। इस घटना की सूचना उनकी बहन ने उनको फोन पर दी। उनकी प्रशासन से मांग है कि बेटा बहू ने जो शोक यात्रा निकाली है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही मकान और जमीन वापस दिलाई जाए। मंगलवार को लालचंद को इंसाफ दिलाने के लिए पंचायत का आयोजन किया गया।