एनसीआरटीसी को ‘सार्वजनिक और शहरी परिवहन रणनीति’ श्रेणी में मिला जर्मनी में आयोजित यूआईटीपी अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

यूआईटीपी पुरस्कार सार्वजनिक परिवहन में सबसे सम्मानित वैश्विक पुरस्कारों में से एक हैं, और दुनिया भर में सतत, समावेशी और प्रभावी गतिशीलता को बढ़ावा देने वाली पहलों को मान्यता प्रदान करते हैं;

By :  Neeraj Jha
Update: 2025-06-17 13:20 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को जर्मनी के हैम्बर्ग में आयोजित यूआईटीपी (इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ पब्लिक ट्रांसपोर्ट) ग्लोबल पब्लिक ट्रांसपोर्ट समिट 2025 में दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के लिए ‘सार्वजनिक और शहरी परिवहन रणनीति’ श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित यूआईटीपी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

यह अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सतत, यात्री-केंद्रित परिवहन समाधान के माध्यम से क्षेत्रीय गतिशीलता को बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे एनसीआरटीसी के प्रयासों को दर्शाता है। साथ ही, यह इस कॉरिडोर के लिए अपनाई गई उस रणनीति को भी मान्यता प्रदान करता है जिसके माध्यम से उच्च गति की विश्वसनीय और समावेशी पारगमन प्रणाली द्वारा अर्बन मोबिलिटी से जुड़ी चुनौतियों का समाधान प्रदान करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।

एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी

यह अनुमानित है कि 2030 तक दिल्ली विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बन जाएगा। ऐसे में, भारत की प्रथम रीजनल रेल, नमो भारत, एनसीआर में सड़कों पर भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस कॉरिडोर का उद्देश्य इस क्षेत्र में एक तेज़, आधुनिक और कुशल परिवहन विकल्प प्रदान करना है ताकि निजी वाहनों पर निर्भरता को कम किया जा सके। इसका उद्देश्य बेहतर पहुँच के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाना, आर्थिक और सामाजिक अवसरों तक पहुच के मुद्दों को संबोधित करना और एनसीआर के संतुलित और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

परियोजना के बुनियादी ढांचे को भी जेंडर-सेंसटिव बनाया गया है

180 किमी प्रति घंटे की डिज़ाइन गति और 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम परिचालन गति वाली ट्रेनों के साथ, नमो भारत परियोजना में कई उन्नत तकनीकों को शामिल किया गया है। इसमें से कुछ तकनीकें ऐसी हैं जिन्हें विश्व में पहली बार इस परियोजना में प्रयोग किया जा रहा है, जैसे एलटीई बैकबोन पर ईटीसीएस लेवल 3 सिग्नलिंग। इस प्रणाली के परिचालन में समावेशिता पर विशेष ज़ोर दिया गया है। ट्रेनों के संचालन और प्रबंधन (ओ एंड एम) में लगभग 40% से अधिक महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। साथ ही, परियोजना के बुनियादी ढांचे को भी जेंडर-सेंसटिव बनाया गया है ताकि यह बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों सहित सभी यात्रियों के लिए सुलभ हो सके।

यूआईटीपी पुरस्कार सार्वजनिक परिवहन में सबसे सम्मानित वैश्विक पुरस्कारों में से एक

नमो भारत ट्रेनों के परिचालन के साथ ही कॉरिडोर के अलाइनमेंट के पास रियल स्टेट में एक महत्वपूर्ण वृद्धि भी देखी गई है। इसका श्रेय अपनी तरह की पहली ट्रांज़िट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट (टीओडी) पहल को दिया जा सकता है जिसके अंतर्गत व्यापक टीओडी फ्रेमवर्क के एक हिस्से के रूप में, टीओडी क्षेत्रों को शहरी विकास मास्टरप्लान में शामिल किया गया है। वर्तमान में, 82 किमी लंबे कॉरिडोर का, न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच 55 किमी का सेक्शन, 11 स्टेशनों के साथ जनता के लिए परिचालित है। यूआईटीपी पुरस्कार सार्वजनिक परिवहन में सबसे सम्मानित वैश्विक पुरस्कारों में से एक हैं, और दुनिया भर में सतत, समावेशी और प्रभावी गतिशीलता को बढ़ावा देने वाली पहलों को मान्यता प्रदान करते हैं। हाल ही में, एनसीआरटीसी ने यूआईसी सस्टेनेबिलिटी इम्पैक्ट अवार्ड्स 2024 में ‘सीमलेस कनेक्टिविटी’ और ‘ओवरऑल विनर’ की श्रेणी में भी पुरस्कार जीता था।

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