Final Voter List में नाम जोड़ने या हटाने के लिए नहीं आए आवेदन, चुनाव आयोग ने कहा ये, जानें विपक्ष क्यूं उठा रहा है सवाल
पटना। बिहार में फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित होने के बाद भी विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। इसको लेकर आरोप लगाया कि कई वैद्य वोटरों के नाम काटे गए। हालांकि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटने या फिर किसी तरह की गड़बड़ी होने पर जिलाधिकारी के सामने अपील करने की बात कही थी। लेकिन, 10 दिन बीच जाने के बाद भी किसी जिले से कोई अपील नहीं की गई। चुनाव आयोग ने इस बात की जानकारी दी।
जिला दंडाधिकारी को कोई अपील प्राप्त नहीं हुई
बता दें कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग ने सभी जिलों का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 के दौरान नौ अक्टूबर तक सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी द्वारा मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24(ए) के अंतर्गत जिला दंडाधिकारी को कोई अपील प्राप्त नहीं हुई है। वहीं एक अगस्त से एक सितंबर तक दावा आपत्ति के बाद तीन लाख 66742 मतदाता हटाए गए। वहीं 21 लाख 53343 योग्य मतदाता जोड़े गए। इस तरह 30 सितंबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची में कुल 74192357 मतदाता हैं।
मतदाता पुनरीक्षण कार्य की शुरुआत जून में की थी
बता दें कि चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रारूप का प्रकाशन कर दिया गया था। निर्वाचन आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य की शुरुआत जून में की थी। इस कार्य से पहले 7 करोड़ 89 लाख मतदाता थे। इसके पुनरीक्षण कार्य के बाद कुल 65 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे थे। इनमें 22 लाख से अधित मृत मतदाता, करीब 35 लाख विस्थापित मतदाता थे। वहीं करीब सात लाख लोग ऐसे मतदाता थे, जिनका नाम दो जगह दर्ज था। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन्हें दावा आपत्ति के लिए 30 दिन का वक्त दिया था। इसके बाद मतदाता सूची प्रारूप में कुल 7 करोड़ 24 लाख 5 हजार बताए गए।