अब आधार की फोटोकॉपी देना होगा बंद! सरकार ला रही नया नियम, होटल और इवेंट आयोजकों पर कड़ी पाबंदी

सरकार इस दिशा में नया नियम लागू करने जा रही है, जिसका उद्देश्य लोगों की निजता की रक्षा करना और आधार डेटा के संभावित दुरुपयोग को रोकना है।;

Update: 2025-12-07 21:30 GMT

सरकार आधार कार्ड से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब होटल, इवेंट आयोजकों और इसी तरह की अन्य संस्थाओं को आधार कार्ड की फिजिकल फोटोकॉपी लेना और उसे सुरक्षित रखना पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई जगहों पर आधार की कॉपी को सुरक्षित तरीके से नहीं रखा जाता, जिससे निजता को खतरा रहता है और यह आधार कानून का उल्लंघन भी है। इसी कारण यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने नए नियम को मंजूरी दे दी है और इसे जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।

नए नियम के अनुसार, अब कोई भी संस्था यदि ऑफलाइन आधार वेरिफिकेशन करना चाहती है, तो उसे UIDAI में पंजीकरण कराना होगा और केवल डिजिटल तरीके से ही सत्यापन करना होगा। इसका मतलब है कि होटल, इवेंट स्थल या अन्य स्थानों पर अब आधार कार्ड की पेपर कॉपी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। UIDAI के प्रमुख भूवनेश कुमार ने कहा कि वेरिफिकेशन के लिए सिर्फ सुरक्षित API, QR कोड और ऐप आधारित तरीकों का उपयोग किया जाएगा। यह कदम कागजी दस्तावेजों के दुरुपयोग को कम करेगा और लोगों की निजी जानकारी की सुरक्षा को मजबूत बनाएगा।

UIDAI एक नया ऐप भी तैयार कर रहा है, जिसका बीटा परीक्षण चल रहा है। यह ऐप ऐप-टू-ऐप वेरिफिकेशन की सुविधा देगा, जिससे हर बार केंद्रीय सर्वर से कनेक्ट होने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस तकनीक के लागू होने के बाद एयरपोर्ट, रिटेल दुकानों, विवाह समारोहों और नेटवर्क की कमी वाले क्षेत्रों में भी बिना रुकावट के आधार सत्यापन किया जा सकेगा। इसी ऐप की मदद से लोग अपना पता अपडेट कर सकेंगे और जिन परिवार सदस्यों के पास मोबाइल नंबर नहीं है उन्हें भी आसानी से आधार से जोड़ा जा सकेगा।

अब तक कई बार सर्वर की तकनीकी दिक्कतों के कारण आधार वेरिफिकेशन की प्रक्रिया रुक जाती थी। नए सिस्टम से यह समस्या खत्म हो जाएगी क्योंकि QR कोड और ऑफलाइन वेरिफिकेशन सर्वर पर निर्भर नहीं होंगे। UIDAI का कहना है कि यह बदलाव आधार से जुड़ी प्राइवेसी को और मजबूत करेगा और पेपर कॉपी लीक होने जैसी घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाएगा। नया सिस्टम डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुरूप है, जिसे अगले 18 महीनों के भीतर पूरी तरह लागू किया जाना है।

सरकार का यह कदम आधार की सुरक्षा और डेटा गोपनीयता को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है। आने वाले समय में आधार से जुड़ी सेवाएं पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित होने की दिशा में आगे बढ़ेंगी।

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