अदाणी ग्रुप ने एविएशन की दुनिया में किया बड़ा धमाका! 820 करोड़ रुपये की खरीदी यह बड़ी कंपनी
इस डील का सबसे बड़ा असर यह होगा कि अडानी ग्रुप अब एविएशन सेक्टर का ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ बन जाएगा।;
नई दिल्ली। गौतम अडानी का एयरपोर्ट चलाने में तो दबदबा है ही, लेकिन अब उन्होंने आसमान में उड़ने वाले जहाजों और उन्हें उड़ाने वाले पायलटों की ट्रेनिंग पर भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। दरअसल अडानी ग्रुप ने एविएशन सेक्टर में एक कदम बढ़ते हुए फ्लाइट सिमुलेशन टेक्नीक सेंटर में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली है। यह सौदा 820 करोड़ रुपये की एंटरप्राइज वैल्यू पर हुआ है। बता दें कि अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) ने यह कदम प्राइम एयरो सर्विसेज के साथ मिलकर उठाया है। इस डील की गूंज पूरे एविएशन बाजार में सुनाई दे रही है।
महज सौदा नहीं, आगे की रणनीति है
अडानी समूह के लिए यह अधिग्रहण महज व्यापार का विस्तार नहीं है, बल्कि एक ‘इकोसिस्टम’ तैयार करने की कोशिश है। एफएसटीसी (FSTC) कोई छोटी-मोटी कंपनी नहीं है, यह भारत की सबसे बड़ी इंडिपेंडेंट फ्लाइट ट्रेनिंग कंपनी है। दरअसल भारत में पायलटों की कमी है या ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत FSTC जैसी कंपनियां पूरा करती हैं। इस कंपनी के पास गुरुग्राम और हैदराबाद में अत्याधुनिक सिमुलेशन सेंटर हैं। इसके अलावा, हरियाणा के भिवानी और नारनौल में इनके बड़े फ्लाइंग स्कूल भी चलते हैं।
एफएसटीसी की खासियात
दरअसल, FSTC के पास 11 फुल-फ्लाइट सिमुलेटर और 17 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट हैं। इसमें सबसे खास बात यह है कि इनके ट्रेनिंग प्रोग्राम को न केवल भारत के डीजीसीए (DGCA) से, बल्कि यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) से भी मान्यता मिली हुई है। यहां से ट्रेनिंग लेने वाले पायलटों की साख पूरी दुनिया में होती है।
सिमुलेटर-बेस्ड ट्रेनिंग भविष्य की जरूरत
अडानी एंटरप्राइजेज के मुताबिक, सिमुलेटर-बेस्ड ट्रेनिंग भविष्य की जरूरत है। यह न केवल सुरक्षित है, बल्कि असली जहाज उड़ाने की तुलना में काफी सस्ती भी पड़ती है। विशेषकर डिफेंस और कमर्शियल पायलटों की ट्रेनिंग में इससे एफिशिएंसी कई गुना बढ़ जाती है।
वन-स्टॉप सॉल्यूशन होगा
इस डील का सबसे बड़ा असर यह होगा कि अडानी ग्रुप अब एविएशन सेक्टर का ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ बन जाएगा। अडानी के पास पहले से ही एयर वर्क्स और इंडामर टेक्निक्स जैसी कंपनियां हैं, जो विमानों की मरम्मत और रखरखाव का काम करती हैं। अब FSTC के जुड़ने से यह सर्कल पूरा हो गया है।