राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- अगला सफर होगा आर्यभट्ट से गगनयान तक...
भारत ने खगोल विज्ञान तथा खगोल भौतिकी पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड की भी मेजबानी की है;
नई दिल्ली। इसरो ने आज राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर भारत मंडपम में कार्यक्रम का आयोजन किया है। अंतरिक्ष दिवस कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह तथा इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने भाग लिया। इस अहम दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो की उपब्धियों की सराहना की है।
पीएम मोदी ने कहा
पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। इस बार अंतरिक्ष दिवस की थीम है आर्यभट्ट से गगनयान तक। इसमें अतीत का आत्मविश्वास भी है एवं भविष्य का संकल्प भी। आज हम देख रहे हैं कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस हमारे युवाओं के बीच उत्साह और आकर्षण का अवसर बन गया है। यह देश के लिए गर्व और गौरव की बात है। आपको पता होगा कि 2023 में भारत ने चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कर इतिहास रचा था।
भारत का दमदार भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाल ही में भारत ने खगोल विज्ञान तथा खगोल भौतिकी पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड की भी मेजबानी की है। इस प्रतियोगिता में 60 से अधिक देशों के करीब 300 लोगों ने हिस्सा लिया था। भारतीय युवाओं ने पदक भी जीते हैं। ओलंपियाड अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत ने दमदार भूमिका निभाई है। मुझे खुशी हो रही है कि इसरो ने भी युवाओं की अंतरिक्ष के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए इंडियन स्पेस हैकाथॉन तथा रोबोटिक्स चैलेंज जैसी पहल की है।
इसरो अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा
इसरो अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के लिए कुछ लोगों को धन्यवाद देना चाहिए। 23 अगस्त 2023 एक ऐतिहासिक दिन था। भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग कराई थी। ऐसा करने वाला भारत इकलौता देश है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी एक दूरदर्शी नेता हैं एवं हमारे प्रधानमंत्री ने हमें अंतरिक्ष गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सही निर्देश दिए हैं। उन्होंने ही चंद्रयान-3 के लैंडिंग की जगह का नाम शिव शक्ति प्वाइंट रखा था। उन्होंने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में भी घोषित किया। आगे इसरो अध्यक्ष ने कहा कि हमारे एक गगनयात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजना है। इसके लिए फिर से प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहिए। यह उनका ही विचार था कि अपने रॉकेट के जरिये किसी गगनयात्री को अंतरिक्ष में भेजने से पहले हमें उनमें से एक यात्री को आईएसएस पर भेजना चाहिए। उनके इसी विजन के चलते आज हमें बड़ी सफलता मिली। शुभांशु शुक्ला आईएसएस गए एवं अपने तीन सहयोगियों के साथ सकुशल वापस लौटे।