कोविड-19 वैक्सीन से दुनियाभर में 25 लाख से अधिक मौतें टलीं: अध्ययन
यह अध्ययन जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) हेल्थ फोरम में प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया है कि 90% जानें बुजुर्गों की बचाई गईं, जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक थी।;
कोविड-19 टीकाकरण के कारण 2020 से 2024 के बीच दुनिया भर में 25 लाख से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकी। अनुमान है कि हर 5,400 खुराकों पर एक जीवन को मृत्यु से बचाया गया, एक अध्ययन में सामने आया।
यह अध्ययन जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) हेल्थ फोरम में प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया है कि 90% जानें बुजुर्गों की बचाई गईं, जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक थी।
यह अध्ययन इटली के कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ मिलान और अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया। उन्होंने वैश्विक जनसंख्या आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए यह अनुमान लगाया कि कितने लोग कोविड-19 से मरे और उनमें से कितने को टीका पहले या बाद में लगा था।
शोधकर्ता एंजेलो मारिया पेज्जुलो के अनुसार, "हमने उपलब्ध आंकड़ों की तुलना उस परिदृश्य से की जिसमें टीकाकरण नहीं हुआ होता, जिससे यह पता चला कि टीकों से कितनी मौतें टाली जा सकीं और कितने जीवन-वर्ष बचाए जा सके।"
अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन लोगों को वायरस से पहले टीका लगाया गया, उनमें से 82% की जान बची। वहीं, ओमिक्रॉन की लहर के दौरान 57% मौतें टाली गईं। टीकों की मदद से कुल मिलाकर 1 करोड़ 48 लाख जीवन-वर्ष (Years of Life) सुरक्षित किए गए — यानी हर 900 खुराकों पर एक जीवन-वर्ष।
शोधकर्ता प्रोफेसर स्टेफानिया बोच्चा ने कहा कि यह अध्ययन अब तक का सबसे व्यापक है, क्योंकि इसमें पूरी दुनिया के डेटा को शामिल किया गया है, ओमिक्रॉन अवधि को भी कवर किया गया है और यह महामारी के रुझानों पर कम अनुमान पर आधारित है।
जामा हेल्थ फोरम में प्रकाशित एक कमेंटरी में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की मोनिका गांधी ने लिखा, “टीके जीवन बचाते हैं, और महामारी से बाहर निकलने का सबसे सुरक्षित रास्ता प्रतिरक्षा (immunity) ही था — विशेष रूप से बुजुर्गों को संक्रमण के बजाय टीकाकरण से प्रतिरक्षा देना अधिक सुरक्षित है।”