अगले 5 साल में 46 करोड़ से ज्यादा युवा होंगे मोटापे के शिकार: रिसर्च
यह रिपोर्ट 2021 की ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ स्टडी के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें बताया गया है कि 2015 की तुलना में 2030 में मोटे या अधिक वजन वाले किशोरों की संख्या 14.3 करोड़ अधिक होगी।;
दुनियाभर के किशोरों की सेहत खतरे में है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2030 तक करीब 46.4 करोड़ किशोर मोटापे या अधिक वजन के शिकार हो सकते हैं। यह चेतावनी द लैंसेट कमीशन ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में दी है।
यह रिपोर्ट 2021 की ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ स्टडी के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें बताया गया है कि 2015 की तुलना में 2030 में मोटे या अधिक वजन वाले किशोरों की संख्या 14.3 करोड़ अधिक होगी।
विशेष रूप से विकसित देशों जैसे लैटिन अमेरिका और मध्य पूर्व में एक-तिहाई किशोरों का वजन असामान्य रूप से बढ़ा हुआ होगा। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि किशोर मोटापा कम करने के लिए मौजूदा प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2030 में भी दुनिया के एक अरब से अधिक किशोर ऐसी जगहों पर रहेंगे, जहां एचआईवी/एड्स, कम उम्र में गर्भावस्था, डिप्रेशन, कुपोषण और चोटें उनकी सेहत को प्रभावित करेंगी।
मानसिक बीमारियों और आत्महत्या की वजह से 4.2 करोड़ स्वस्थ जीवन वर्ष खोने की आशंका है, जो 2015 की तुलना में 20 लाख अधिक है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जलवायु परिवर्तन और डिजिटल जीवनशैली किशोरों के स्वास्थ्य पर नया खतरा बनकर उभर रहे हैं।
2030 तक यदि सरकारें गंभीरता से निवेश नहीं करतीं तो करोड़ों किशोरों का भविष्य संकट में रहेगा। रिपोर्ट की सह-लेखिका सारा बेयर्ड ने अपील की कि "किशोरों में निवेश करना ही भविष्य को सुरक्षित रखने का सबसे अहम तरीका है।"