पीएम मोदी का जापान और चीन दौरा शुरू: निवेश बढ़ाने और रिश्तों को नई दिशा देने पर फोकस

इस दौरे का मुख्य उद्देश्य निवेश आकर्षित करना और रिश्तों को फिर से मजबूत करना है, खासकर ऐसे समय में जब भारत–अमेरिका संबंध व्हाइट हाउस द्वारा भारतीय सामानों पर शुल्क लगाने के फैसले के बाद तनावपूर्ण हो गए हैं।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-08-28 16:30 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम को चार दिवसीय विदेश दौरे पर रवाना हुए। इस दौरान वे पहले जापान और फिर चीन जाएंगे। चीन की यह उनकी सात साल बाद पहली यात्रा है। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य निवेश आकर्षित करना और रिश्तों को फिर से मजबूत करना है, खासकर ऐसे समय में जब भारत–अमेरिका संबंध व्हाइट हाउस द्वारा भारतीय सामानों पर शुल्क लगाने के फैसले के बाद तनावपूर्ण हो गए हैं।

जापान में वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन

मोदी 15वें भारत–जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए टोक्यो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मकसद भारत-जापान सहयोग को “नई उड़ान” देना, निवेश और आर्थिक संबंधों का दायरा बढ़ाना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) व सेमीकंडक्टर जैसी नई तकनीकों में सहयोग को आगे ले जाना है।

जापान दौरे के अहम बिंदु

मोदी 29 और 30 अगस्त को जापान में रहेंगे।

वे जापानी बिजनेस लीडर्स से मिलकर ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल पर चर्चा करेंगे।

जापानी प्रीफेक्चर्स और भारतीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए राज्यपालों से मुलाकात करेंगे।

जापान इस दौरान भारत में अपना निवेश 5 ट्रिलियन येन (34 अरब डॉलर) से बढ़ाकर 10 ट्रिलियन येन (68 अरब डॉलर) करने का ऐलान कर सकता है।

हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्रिटिकल मिनरल्स और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर गहरा सहयोग तय माना जा रहा है।

चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन

जापान के बाद प्रधानमंत्री चीन के तियानजिन जाएंगे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

रविवार को उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होगी।

सोमवार को वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे।

इस दौरे में सीमा विवाद को लेकर तनाव कम करने, पांच साल बाद डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू करने और व्यापारिक बाधाओं को हटाने जैसी अहम घोषणाएं हो सकती हैं।

भारत–चीन रिश्तों में नई पहल

हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान बीजिंग ने भारत की चिंताओं को देखते हुए उर्वरकों, टनल बोरिंग मशीनों और रेयर अर्थ एलिमेंट्स की सप्लाई पर विचार करने की बात कही थी। भारत भी चीनी कंपनियों पर लगाए गए निवेश प्रतिबंधों को आंशिक रूप से आसान करने पर विचार कर रहा है।

पीएम मोदी का विश्वास

दौरे से पहले प्रधानमंत्री ने कहा— “मुझे विश्वास है कि जापान और चीन की ये यात्राएं हमारे राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को मजबूत करेंगी और क्षेत्रीय व वैश्विक शांति, सुरक्षा और सतत विकास को आगे बढ़ाने में योगदान देंगी।”

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