यूपी में बिजली उपभोक्ताओं को लग सकता है झटका, नवंबर में होगी दरों में बढ़ोत्तरी, जानें कितना बढ़ेगा बोझ?

विद्युत नियामक आयोग ने नवंबर माह के लिए ईंधन अधिभार शुल्क (Fuel Surcharge) को 1.83 फीसदी तय किया है। यह शुल्क सीधे नवंबर के बिजली बिलों में जोड़ा जाएगा।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-10-30 18:20 GMT

उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को नवंबर महीने में बड़ा झटका लग सकता है। राज्य में बिजली दरों में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

विद्युत नियामक आयोग ने नवंबर माह के लिए ईंधन अधिभार शुल्क (Fuel Surcharge) को 1.83 फीसदी तय किया है। यह शुल्क सीधे नवंबर के बिजली बिलों में जोड़ा जाएगा।

इस बढ़ोतरी के चलते बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से करीब ₹82.11 करोड़ की अतिरिक्त वसूली करेंगी। गौरतलब है कि अक्टूबर माह में ईंधन अधिभार शुल्क 1.63 फीसदी कम किया गया था, लेकिन नवंबर में फिर से इसमें वृद्धि देखने को मिल रही है।

उपभोक्ता परिषद ने जताया विरोध

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि भारत सरकार ने सभी राज्यों को नियम बनाकर निर्देशित किया था कि हर माह ईंधन अधिभार की गणना और वसूली की जाए।

हालांकि, परिषद इस आदेश का लगातार विरोध कर रही है।

वर्मा ने कहा, “यह निर्णय उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालता है। बिजली कंपनियों के पास पहले से ही उपभोक्ताओं के ₹33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस है। ऐसे में ईंधन अधिभार के नाम पर अलग से वसूली करना अनुचित है।”

उन्होंने मांग की कि मासिक वसूली की राशि को उपभोक्ताओं के सरप्लस खाते से घटाया जाए, ताकि जनता पर आर्थिक दबाव न बढ़े।

चंदौली में बिजली बिल सुधार के लिए कैंप लगाने के निर्देश

इसी बीच, चंदौली कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग की अध्यक्षता में जिला उद्योग बंधु की बैठक हुई।

बैठक में उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्र की बिजली, सड़क और सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं रखीं।

डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि औद्योगिक फीडर से जुड़े बिजली बिलों को ठीक करने के लिए कैंप लगाए जाएं, रामनगर औद्योगिक क्षेत्र फेज2 की सड़कों को प्राथमिकता से दुरुस्त किया जाए, निवेश मित्र पोर्टल और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लंबित मामलों को तुरंत निपटाया जाए।

डीएम ने कहा कि किसी भी योजना के तहत किए गए आवेदन को लंबित न रखा जाए।

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि औद्योगिक क्षेत्र में अराजक तत्वों की चहलकदमी से उद्यमी असहज महसूस कर रहे हैं। इस पर डीएम ने एडिशनल एसपी से सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

इस बैठक में उपायुक्त उद्योग सिद्धार्थ यादव, अधिशासी अभियंता विद्युत, और रामनगर औद्योगिक क्षेत्र के कई उद्यमी मौजूद रहे।

उपभोक्ताओं के लिए नवंबर होगा महंगा महीना

ईंधन अधिभार शुल्क में हुई यह बढ़ोतरी आम जनता के बजट को प्रभावित कर सकती है।

जहां एक ओर सरकार बिजली आपूर्ति को स्थिर रखने का दावा कर रही है, वहीं उपभोक्ताओं का कहना है कि हर महीने फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट (FCA) लगाना अनुचित है।

अब देखना होगा कि राज्य सरकार और नियामक आयोग उपभोक्ताओं के हित में कोई राहत देते हैं या नहीं, क्योंकि फिलहाल संकेत यही हैं कि नवंबर का बिजली बिल पिछले महीने से भारी पड़ेगा।

Tags:    

Similar News