यूपी भाजपा में नए अध्यक्ष को लेकर हलचल तेज, पीएम मोदी से भूपेंद्र की मुलाकात ने बढ़ाई चर्चा
सूत्रों का कहना है कि पार्टी अगले कुछ दिनों में ही नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित कर सकती है।;
यूपी भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इसी बीच गुरुवार को भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। भले ही इसे पूर्व निर्धारित मुलाकात बताया जा रहा हो, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी अगले कुछ दिनों में ही नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित कर सकती है। इस दौड़ में केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
यूपी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चयन की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। कुछ दिन पहले ही पार्टी ने प्रांतीय परिषद के सदस्यों की सूची जारी कर दी थी। यही सदस्य प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करते हैं। इस सूची के जारी होने के बाद से ही स्पष्ट संकेत मिल गया था कि अब चुनाव की घोषणा ज्यादा दिनों की बात नहीं है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान भूपेंद्र चौधरी ने यूपी में संगठन की गतिविधियों, सदस्यता विस्तार अभियान और आने वाले चुनावों की तैयारियों की जानकारी दी।
अब भाजपा कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक केंद्रीय चुनाव अधिकारी पीयूष गोयल के कार्यक्रम की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। पीयूष गोयल के शेड्यूल के बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में प्रदेश परिषद सदस्यों के अलावा भाजपा विधानमंडल दल के सदस्यों की कुल संख्या का 10 प्रतिशत और यूपी कोटे से चुने गए लोकसभा व राज्यसभा सांसदों की कुल संख्या का 10 प्रतिशत हिस्सा मतदाता होंगे। यूपी में भाजपा के 258 विधायक, 79 एमएलसी, 33 लोकसभा सांसद और 24 राज्यसभा सांसद हैं। इन आंकड़ों के आधार पर मतदाताओं की अंतिम सूची तैयार की जाएगी।
इस बार भाजपा ऐसे चेहरे की तलाश में है जो ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व करता हो। इसका उद्देश्य विपक्ष द्वारा चलाए जा रहे पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) अभियान को संतुलित करना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ओबीसी समुदाय में मजबूत पकड़ वाले नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सामाजिक समीकरण साधना चाहती है। इसी वजह से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और धर्मपाल सिंह के नाम गंभीरता से चर्चा में हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद को भी संभावित दावेदारों में गिना जा रहा है।
कुछ सूत्रों का दावा है कि एक बड़े पार्टी नेता भी मौजूदा पद पर रहते हुए प्रदेश अध्यक्ष की कमान अपने हाथ में लेना चाहते हैं, जिससे संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाया जा सके। आने वाले कुछ दिन भाजपा के लिए महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि नया प्रदेश अध्यक्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की सबसे बड़ी संगठनात्मक नियुक्ति होगी। इसलिए भाजपा इस फैसले में बेहद सतर्कता बरत रही है।