'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के शिल्पकार राम सुतार का 100 वर्ष की आयु में निधन

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिमा से शिल्पकार राम सुतार को वैश्विक पहचान मिली थी;

Update: 2025-12-18 05:42 GMT

नई दिल्ली। प्रसिद्ध मूर्तिकार और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम वनजी सुतार का देर रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। उनके पुत्र अनिल सुतार ने यह जानकारी साझा की। बता दें कि उनकी मृत्यु शतायु होने के बाद हुई। जानकारी के अनुसार, वह लंबे समय कई बीमारियों से जुझ रहे थे।

अनिल सुतार ने दी जानकारी

अनिल सुतार ने आज यानी गुरुवार को प्रेस को जानकारी देते हुए कहा कि गहरे दुख के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि मेरे पिता श्री राम वनजी सुतार का 17 दिसंबर की मध्यरात्रि को हमारे निवास पर निधन हो गया।

बचपन से ही मूर्तिकला के प्रति झुकाव था

19 फरवरी को महाराष्ट्र के वर्तमान धुले जिले के गोंदूर गांव में एक साधारण परिवार में जन्मे राम सुतार का झुकाव बचपन से ही मूर्तिकला की ओर था। उन्होंने मुंबई के जे.जे.स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से शिक्षा प्राप्त की और स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय मूर्तिकला को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला लंबा और उल्लेखनीय रचनात्मक सफर तय किया।

सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा से मिली पहचान

संसद परिसर में स्थापित ध्यानमग्न मुद्रा में महात्मा गांधी की मुर्ति और घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा उनकी प्रमुख कृतियों में शामिल हैं। वहीं, गुजरात में स्थापित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जो देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है, इस प्रतिमा से उन्हें वैश्विक पहचान मिली।

गौरतलब है कि राम सुतार को उनके योगदान के लिए पद्म श्री (1999) और पद्म भूषण (2016) से सम्मानित किया गया। हाल ही में उन्हें महाराष्ट्र सरकार के सर्वोच्च सम्मान महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

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