RBI: रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया, महंगाई के अनुमान को किया कम
अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी है;
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज मौजूदा परिस्थितियों का ध्यान रखते हुए प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर कायम रखने का निर्णय लिया। इसके साथ ही आरबीआई ने मौद्रिक नीति को भी तटस्थ बरकरार रखा है।
रेपो ब्याज दर
रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। ये सीधे आपके लोन की ईएमआई को प्रभावित करता है। रेपो दर के बरकरार रहने से आवास, वाहन समेत अन्य खुदरा कर्ज पर ब्याज में बदलाव होने की संभावना नहीं होती है।
केंद्रीय बैंक ने फरवरी से अभी तक रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती की है
केंद्रीय बैंक ने इस साल फरवरी से अभी तक रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती किया है। इस साल जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती की गयी थी। जबकि फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कमी की गयी थी।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, नीतिगत रेपो ब्याज दर को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है। आरबीआई के द्वारा 2025 से 26 के लिए जीडीपी के वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया गया है। जो कि जून के अनुमान 3.7% से कम है।
भारत की जीडीपी वृद्धि में आएगी मजबूती
आरबीआई ने एमपीसी बैठक के नतीजों के बाद कहा कि त्योहारी सीजन इकोनॉमिक एक्टिविटीज के लिए खास होता है। लेकिन अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी है।हालांकि, सामान्य से बेहतर मानसून और कम महंगाई दर से आर्थिक गतिविधियों मजबूती मिल रही है। ग्लोबल ट्रेड के हालातों के बारे में उन्होंने कहा कि भारत में आरबीआई ने इकोनॉमी ग्रोथ को लेकर उचित कदम उठाए हैं और इससे भारत की जीडीपी वृद्धि में आएगी मजबूती आएगी।