भारत मोबाइल कांग्रेस में सैटकॉम समिट: ‘सैटेलाइट नेटवर्क से सार्वभौमिक कनेक्टिविटी’
समिट का उद्घाटन प्रमुख नीति निर्माताओं ने किया, जिनमें ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया (संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री), डॉ. जितेंद्र सिंह (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री), डॉ. वी. नारायणन (इसरो अध्यक्ष एवं विज्ञान विभाग सचिव), और डॉ. पवन गोयनका (IN-SPACe चेयरमैन) शामिल थे।;
भारत के सैटेलाइट कम्युनिकेशन (सैटकॉम) क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है, जिसे सरकार की नई नीतियों और अत्याधुनिक तकनीकों से गति मिली है। इसी संदर्भ में आज भारत मोबाइल कांग्रेस (India Mobile Congress) के उद्घाटन दिवस पर यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में पहली बार सैटकॉम समिट आयोजित किया गया। इस समिट में सरकार, उद्योग और निजी क्षेत्र के शीर्ष नेतृत्व ने डिजिटल डिवाइड को पाटने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में सैटेलाइट कम्युनिकेशन की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।
समिट का उद्घाटन प्रमुख नीति निर्माताओं ने किया, जिनमें ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया (संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री), डॉ. जितेंद्र सिंह (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री), डॉ. वी. नारायणन (इसरो अध्यक्ष एवं विज्ञान विभाग सचिव), और डॉ. पवन गोयनका (IN-SPACe चेयरमैन) शामिल थे।
उद्घाटन के दौरान सिंधिया ने कहा, “सैटकॉम का मतलब है हर घर में डॉक्टर और सबसे दूरस्थ कक्षा में शिक्षक। यह राष्ट्रीय आवश्यकता है और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ है। हमारे पहले प्रकार के NISAR मिशन से हमने दिखाया कि हम केवल भाग ले रहे नहीं, बल्कि नवाचार कर रहे हैं। भारत अब विश्व का पेससेटर बन चुका है।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “भारत सैटेलाइट कम्युनिकेशन के लिए एक इकोसिस्टम तैयार कर रहा है। हम विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर नवाचार कर रहे हैं। घरेलू स्तर पर, सार्वजनिक-निजी साझेदारी अंतरिक्ष क्षेत्र को प्रभावी और कुशल बना रही है। स्पेसटेक आधारित तकनीक का रक्षा और परमाणु ऊर्जा पर भी बड़ा असर है।”
डॉ. नारायणन ने बताया, “हमने अपने पहले अंतरिक्ष मिशन के बाद लंबा सफर तय किया है। अब हम एक ही लॉन्च में 100 से अधिक उपग्रह भेज रहे हैं। हम अंतिम मील तक नागरिकों को कनेक्टिविटी प्रदान कर रहे हैं और औद्योगिक दक्षता बढ़ा रहे हैं। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हमें सैटेलाइट नेटवर्क का व्यापक विकास करना होगा।”
लीफ्टिनेंट जनरल ए.के. भट्ट (रिटायर्ड), भारतीय स्पेस एसोसिएशन (ISpA) के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि भारत के सैटेलाइट स्पेक्ट्रम में संभावनाएं हैं, लेकिन रणनीतिक हस्तक्षेप आवश्यक है। स्पेक्ट्रम आवंटन में देरी उद्योग की प्रगति में बाधक बन रही है। एक संतुलित नियामक दृष्टिकोण जरूरी है, जो नवाचार को बढ़ावा दे और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करे।
पर्निल उर्ध्वरेषे, स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशन के डायरेक्टर ने कहा, “भारत एक अनोखा बाजार है, जहां विश्वस्तरीय तकनीशियन और नवाचारी उपयोग मामले मौजूद हैं। सरकार की नीतिगत समर्थन और IN-SPACe की पहल से भविष्य में एक अधिक समावेशी और कनेक्टेड भारत का आधार मजबूत हो रहा है।”
गौरव शर्मा, मैनेजिंग डायरेक्टर, Viasat इंडिया ने कहा कि रियल-टाइम एप्लिकेशन में कम विलंबता वाली मल्टी-ऑर्बिट रणनीति (GEO, MEO, LEO) सबसे प्रभावी है। इस रणनीति से विशेष रूप से समुद्री और एविएशन क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है।
समिट में नई पीढ़ी की सैटेलाइट तकनीक, नियामक ढांचा, स्पेस-आधारित इंटरनेट, नॉन-टेरस्ट्रियल नेटवर्क और 5G/6G सिस्टम के साथ एकीकरण जैसे विषयों पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने भारत में सार्वभौमिक डिजिटल सशक्तिकरण के उद्देश्य से लचीले और टिकाऊ कम्युनिकेशन नेटवर्क के अवसरों का विश्लेषण किया।
भारत मोबाइल कांग्रेस 2025 का यह 9वां संस्करण, दूरसंचार विभाग (DoT) और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। इस एशिया के सबसे बड़े डिजिटल तकनीकी मंच पर इस वर्ष 1.5 लाख से अधिक आगंतुक, 400 से अधिक प्रदर्शक, 800+ वक्ता और 7,000+ प्रतिनिधि शामिल होंगे। यहां 5G, 6G, AI, IoT, सेमीकंडक्टर, ग्रीन टेक, सैटकॉम, स्मार्ट मोबिलिटी समेत 1,000 से अधिक नवीनतम उपयोग मामले प्रदर्शित किए जाएंगे।