शारदीय नवरात्रि व्रत! जानें नवरात्र के दिनों में किन नियमों के पालन से मिलती है मां की कृपा और आशीर्वाद

Update: 2025-09-20 02:30 GMT

नई दिल्ली। पितृपक्ष की समाप्ति के बाद शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती है। पंचांग के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 22 सितंबर 2025, सोमवार से शुरू हो रहा है, जो 1 अक्टूबर 2025, बुधवार को विजयादशमी के साथ संपन्न होगा। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह समय आत्मशुद्धि, साधना और देवी की कृपा प्राप्त करने का होता है। इन नियमों का पालन करने से व्रत सफल होता है, साथ ही मां की कृपा प्राप्त होती है।

नवरात्रि के महत्वपूर्ण नियम और उनका महत्व

1. सात्विक भोजन और तामसिक भोजन से परहेज

नियम- मांस, मछली, अंडा, प्याज, लहसुन, शराब जैसी तामसिक चीजों का सेवन न करें और केवल सात्विक (पवित्र) भोजन जैसे फल, मेवे, सेंधा नमक, और सात्विक अनाज का सेवन करें।

महत्व- यह शरीर और मन को शुद्ध करता है और व्रत के उद्देश्य को सफल बनाता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

2. शारीरिक स्वच्छता और पवित्रता

नियम- दाढ़ी, बाल और नाखून न काटें, और चमड़े के उत्पादों का उपयोग न करें।

महत्व- धार्मिक मान्यता है कि ये शरीर के पवित्र हिस्से हैं और इन्हें काटना व्रत की पवित्रता को भंग करता है। चमड़े से बनी वस्तुओं से परहेज भी पवित्रता बनाए रखने के लिए किया जाता है।

3. मानसिक पवित्रता और आचरण

नियम- किसी से गुस्सा न करें, किसी को अपशब्द न कहें, झूठ न बोलें और नकारात्मक विचार न रखें।

महत्व- यह मानसिक शांति बनाए रखने और मां दुर्गा की साधना के दौरान सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करता है।

4. घर में स्वच्छता और सकारात्मक ऊर्जा

नियम- पूरे घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

महत्व- स्वच्छता से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और देवी का वास होता है।

5. ब्रह्मचर्य का पालन

नियम- दांपत्य जीवन में होने पर भी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

महत्व- यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता के लिए महत्वपूर्ण है और पूजा में पूरी तरह से लीन रहने में सहायक होता है।

6. पूजा और आरती

नियम- प्रतिदिन सुबह और शाम मां दुर्गा की पूजा और आरती करें।

महत्व- यह देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने और व्रत का पूर्ण फल पाने के लिए महत्वपूर्ण है।

7. अखंड ज्योति का ध्यान

नियम- यदि घर में अखंड ज्योति जलाते हैं, तो उसे नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक लगातार जलता रखें।

महत्व- ज्योति का जलता रहना सकारात्मक ऊर्जा और घर में सुख-समृद्धि का प्रतीक है, जबकि इसका बुझना अशुभ माना जाता है।

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