कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर शशि थरूर का जवाब—"मैंने सांसद बनने के लिए मेहनत की है, पार्टी नहीं छोड़ रहा"

पार्टी की दो महत्वपूर्ण बैठकों से गैरहाजिर रहने और केंद्र की मोदी सरकार की कुछ नीतियों की प्रशंसा करने के बाद इन अटकलों को और हवा मिली है।;

Update: 2025-12-06 17:00 GMT

कांग्रेस सांसद शशि थरूर इन दिनों राजनीतिक सुर्खियों में हैं। बीते कुछ दिनों से उनके बयानों और गतिविधियों को लेकर यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या वह जल्द ही कांग्रेस पार्टी छोड़ सकते हैं। पार्टी की दो महत्वपूर्ण बैठकों से गैरहाजिर रहने और केंद्र की मोदी सरकार की कुछ नीतियों की प्रशंसा करने के बाद इन अटकलों को और हवा मिली है। राजनीतिक विश्लेषकों और विरोधी दलों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि क्या थरूर भाजपा का रुख कर सकते हैं या किसी नई राजनीतिक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

हालांकि, जब थरूर से सीधे पूछा गया कि क्या वे कांग्रेस छोड़ रहे हैं, तो उन्होंने इन कयासों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं कांग्रेस पार्टी का सांसद हूं और चुने जाने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि मुझे बार-बार यह स्पष्टीकरण देना पड़े कि मैं पार्टी में हूं या नहीं।" थरूर ने कहा कि वे अपने वोटरों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में लगे हैं और उनकी प्राथमिकता जनता की सेवा है।

इस पूरे विवाद के केंद्र में एक और घटना रही—व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिनर। इस आयोजन में शशि थरूर को आमंत्रित किया गया, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को न्योता नहीं मिला। इस बात ने राजनीतिक गलियारे में नए सवाल खड़े कर दिए। थरूर डिनर में शामिल हुए और इसके बाद से उनकी राजनीतिक मंशा को लेकर चर्चाएं और गहरी हो गईं।

थरूर ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि उन्हें लगा कि इस बार सरकार ने विभिन्न विचारों के लिए स्वयं को अधिक खुला रखा है। उन्होंने कहा, "मैं यहां इसलिए आया हूं क्योंकि विदेश संबंधों से जुड़े मुद्दों पर मेरी जिम्मेदारी है। यह पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी के दायरे में आता है, और ऐसे अवसरों से मुझे जानकारी मिलती है, जो मेरे काम के लिए जरूरी है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि वहां मौजूदगी का संबंध किसी राजनीतिक बदलाव से नहीं, बल्कि उनकी संवैधानिक भूमिका से था।

कांग्रेस के अंदरूनी विवादों और थरूर की स्वतंत्र राजनीतिक शैली को लेकर पहले भी चर्चाएं होती रही हैं, लेकिन इस बार अटकलें ज्यादा गंभीर दिखाई दे रही थीं। इसके बावजूद थरूर के ताजा बयान ने यह साफ कर दिया है कि फिलहाल उनका कांग्रेस छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ना कोई साधारण निर्णय नहीं होता और अगर कभी ऐसा सोचा भी जाए, तो उसके पीछे गंभीर कारण और मंथन होना चाहिए।

थरूर ने यह भी कहा कि उनके विचार कभी-कभी पार्टी लाइन से अलग हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह पार्टी से अलग हो रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि जनता ने उन्हें कांग्रेस का प्रतिनिधि चुनकर भेजा है और वे इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं।

कुल मिलाकर, शशि थरूर ने कांग्रेस छोड़ने की खबरों को फिलहाल विराम दे दिया है, लेकिन उनके बयानों और सक्रियता से यह साफ है कि भारतीय राजनीति में उनकी भूमिका अभी भी बहस और आकर्षण का केंद्र बनी रहेगी।

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