Sikkim Landslide:सिक्किम लैंडस्लाइड हादसा! आर्मी कैंप पर मचा कहर, 3 की मौत, कई जवान लापता, सर्च ऑपरेशन जारी

लाचेन में 115 और लाचुंग में 1,350 पर्यटक ठहरे हुए हैं। भूस्खलन की वजह से दोनों ओर से रास्ते बंद हैं।;

Update: 2025-06-02 06:48 GMT

गंगटोक। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचाई हुई है। ऐसे में सिक्किम में आर्मी कैंप पर लैंडस्लाइड हुआ है। जिससे तीन लोगों की मौत हो गई है। अबतक मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि नौ जवान लापता भी हैं, जिनके लिए तलाशी अभियान जारी है। इस लैंडस्लाइड से भारी मात्रा में आस-पास के इलाकों में बने घरों को नुकसान हुआ है।

सिक्किम में फंसे 1500 पर्यटक

बता दें कि उत्तर सिक्किम में भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से हालात इतने खराब हो गए हैं कि लोचन और लाचुंग इलाकों में करीब 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं। मंगन जिले के एसपी सोनम देचू भूटिया ने बताया कि लाचेन में 115 और लाचुंग में 1,350 पर्यटक ठहरे हुए हैं। भूस्खलन की वजह से दोनों ओर से रास्ते बंद हैं। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि लाचुंग के लिए सड़क संपर्क बहाल हो गया है और पर्यटकों की निकासी आज से शुरू हो जाएगी। फिलहाल भूस्खलन से जमा हुए मलबे को हटा दिया है, क्षतिग्रस्त हिस्सों को फिर से बनाया और फिडांग में 'सस्पेंशन ब्रिज' के पास आई दरारों को भरा गया है।

उत्तरी सिक्किम में फटे थे बादल

जानकारी के मुताबिक लगातार भारी बारिश के बाद 30 मई को अचानक बादल फट जाने से उत्तरी सिक्किम में काफी नुकसान हुआ है। इस दौरान 130 मिमी से अधिक की वर्षा हुई और लाचेन, लाचुंग, गुरुदोंग्मर, द वैली ऑफ फ्लावर्स और जीरो प्वाइंट सहित प्रमुख पर्यटक स्थलों की ओर जाने वाले मार्गों पर काफी क्षति हुई है। आपदा की वजह से कई जगहों पर सड़कों में दरारें आ गईं, पुलों को नुकसान हुआ है। साथ ही डिकु-सिनकलंग -शिपगियर रोड, चुंगथांग-लेशेन-जेमा रोड और चुंगथांग-लाचुंग रोड भी क्षतिग्रस्त हो गई है।

सर्च ऑपरेशन जारी, सेना और प्रशासन अलर्ट

सैनिकों की तलाश में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। सेना के जवान, राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), और अन्य एजेंसियां मिलकर इस अभियान को अंजाम दे रही हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे ऑपरेशन और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और बिना जरूरी कारण के पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा से बचें।

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