गंगा एक्सप्रेसवे पर गरजे सुखोई और जगुआर, जानें रात में किस समय होगी नाइट लैंडिंग का ट्रायल
वायुसेना के एयर शो का उद्देश्य युद्ध या आपदा के समय इस एक्सप्रेसवे को वैकल्पिक रनवे के रूप में इस्तेमाल करना है;
शाहजहांपुर। पिछले दिनों से भारत-पाकिस्तान के बीच आपसी तनाव और आंतक को लेकर विवाद चल रहा है। ऐसे में आज गंगा एक्सप्रेसवे पर वायुसेना द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया गया। शाहजहांपुर के जलालाबाद में बनाई गई हवाई पट्टी पर दोपहर करीब 12 बजकर 41 मिनट पर वायुसेना का AN-32 विमान आया। सुखोई और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी। विमान ने करीब पांच मिनट तक चक्कर लगाए। इसके बाद हवाई पट्टी पर लैंडिंग की गई। करीब एक बजे यह विमान यहां से टेकऑफ कर गया। इसके बाद नाइट लैंडिंग का ट्रायल शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक होगा।
हवाई पट्टी की खासियत
बता दें कि इस वायुसेना के एयर शो का उद्देश्य युद्ध या आपदा के समय इस एक्सप्रेसवे को वैकल्पिक रनवे के रूप में इस्तेमाल करना है। गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी यह देश की पहली ऐसी हवाई पट्टी है, जहां लड़ाकू विमान दिन व रात दोनों समय में लैंडिंग कर सकेंगे। सुरक्षा के दृष्टिकोण से हवाई पट्टी के दोनों किनारों पर करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
विमानों की खासियत?
रफाल- आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और लंबी दूरी की मेटेओर मिसाइल से लैस, यह विमान सभी मौसम में ऑपरेशन की क्षमता रखता है।
सुखोई-30 एमकेआई- भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित यह ट्विन-सीटर फाइटर लंबी दूरी तक स्ट्राइक करने में सक्षम है और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें लेकर उड़ान भर सकता है।
मिराज-2000- फ्रेंच मूल का यह विमान हाई-स्पीड डीप स्ट्राइक में दक्ष है और न्यूक्लियर कैपेबल है।
मिग-29- यह तेज गति, ऊंची उड़ान और राडार चकमा देने की क्षमता वाला लड़ाकू विमान है।
जगुआर- यह ग्राउंड अटैक और एंटी-शिप मिशन में प्रयोग होने वाला सटीक स्ट्राइक विमान है।
सी-130जे सुपर हरक्यूलिस- यह भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट विशेष बलों की तैनाती, आपदा राहत और रेस्क्यू मिशन में प्रमुख भूमिका निभाता है।
एएन-32- ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सामान और जवानों की ढुलाई के लिए उपयुक्त ट्रांसपोर्ट विमान।
एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर- सर्च एंड रेस्क्यू, मेडिकल एवैकुएशन और मानव सहायता कार्यों के लिए जरूरी बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर।
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इसकी लंबाई 594 किलोमीटर है। साथ ही इसकी लागत 36 हजार 230 करोड़ रुपयों से ज्यादा की बतायी जा रही है। इस एक्सप्रेसवे का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
जिले के कितने गांवों से गुजर रहा एक्सप्रेसवे
शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे 44 गांवों से गुजर रहा है। यहां इसकी लंबाई करीब 42 किमी है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि अधिकतर स्थानों पर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जलालाबाद में पीरू गांव के पास 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है, जिस पर रात में ही वायुसेना के लड़ाकू विमान उतर सकेंगे।
नवंबर में होगा लोकार्पण
बताया जा रहा है कि नवंबर को कार्य पूर्ण होने पर जनता के लिए गंगा एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज तक बना है।