उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सियासत शुरू, अमित शाह ने विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने का लगाया आरोप

अमित शाह ने कहा- जस्टिस सुदर्शन रेड्डी वह व्यक्ति हैं जो सलवा जुडूम पर फैसला देने वाली विचारधारा से प्रेरित हैं।;

Update: 2025-08-22 12:31 GMT

कोच्चि। उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर सियासत तेज हो गई है। अमित शाह ने कोच्चि में एक मीडिया समूह के आयोजन में कांग्रेस पर निशाना साधा। अब केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस नीत गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है। अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जस्टिस रेड्डी ने नक्सलवाद की मदद की है। वहीं उनका कहना है कि केरल ने नक्सलवाद का दंश झेला है।

 उसकी जीत की संभावना और कम हो गई है

हालांकि उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने सलवा जुडूम के खिलाफ फैसला नहीं सुनाया होता तो देश में चरमपंथी वामपंथी आंदोलन 2020 से पहले ही समाप्त हो गया होता। कांग्रेस ने जिस तरह से उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का चुनाव किया है, उससे केरल में उसकी जीत की संभावना और कम हो गई है। अमित शाह ने कहा कि केरल की जनता निश्चित रूप से देखेगी कि कांग्रेस पार्टी, वामपंथी दलों के दबाव में, एक ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतार रही है, जिसने नक्सलवाद का समर्थन किया और सुप्रीम कोर्ट जैसे पवित्र मंच का इस्तेमाल किया।

 रेड्डी सलवा जुडूम पर फैसला देने वाली विचारधारा से प्रेरित हैं

गृह मंत्री अमित शाह ने यहां अपने संबोधन में सलवा जुडूम पर 2011 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए विपक्षी उम्मीदवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जस्टिस सुदर्शन रेड्डी वह व्यक्ति हैं जो सलवा जुडूम पर फैसला देने वाली विचारधारा से प्रेरित हैं। बता दें कि दिसंबर 2011 में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रेड्डी ने फैसला सुनाया था कि माओवादी विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में आदिवासी युवकों को विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में इस्तेमाल करना, चाहे उन्हें कोया कमांडो कहा जाए, सलवा जुडूम कहा जाए या किसी और नाम से जान जाए, गैरकानूनी और असांविधानिक है। उन्होंने यह भी आदेश दिया था कि ऐसे आदिवासी युवकों को तुरंत निरस्त्र किया जाए।

कॉपी को सार्वजनिक रूप से फाड़ दिया था

अपने संबोधन में गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि 2013 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के द्वारा लाए गए उस बिल की कॉपी को सार्वजनिक रूप से फाड़ दिया था, जिसका उद्देश्य अयोग्य ठहराए गए या किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए सांसदों और विधायकों को राहत प्रदान करना था। शाह ने दावा किया कि उस वक्त मनमोहन सिंह सरकार द्वारा लालू प्रसाद यादव की मदद के लिए यह अध्यादेश लाया गया था। तब राहुल गांधी ने नैतिकता के नाम पर, कैबिनेट द्वारा अनुमोदित अध्यादेश की प्रति सार्वजनिक रूप से फाड़ दी थी, लेकिन आज वही राहुल गांधी गांधी मैदान में लालू जी को गले लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

Tags:    

Similar News