Delhi NCR वालों को सुप्रीम कोर्ट ने दी चार हफ्तों की मोहलत! कहा- पुराने वाहनों के मालिकों पर नहीं होगी कोई दंडात्मक कार्रवाई

इस मामले की अगली सुनवाई में कोर्ट अगला फैसला देगी;

By :  Aryan
Update: 2025-08-12 12:19 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली NCR में 10 साल पुराने डीजल वाहनों तथा 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि फिलहाल इन पुराने वाहनों के मालिकों के खिलाफ किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायाधीश विनोद के चंद्रन एवं न्यायाधीश एनवी अंजारिया की बेंच ने सुनाया है।

चार हफ्तों तक नहीं होगी कोई कार्रवाई

पीठ ने कहा है कि अगले चार हफ्तों तक ऐसे वाहन मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिनके डीजल वाहन 10 साल पुराने या पेट्रोल वाहन 15 साल पुराने हैं। कोर्ट ने इस मामले में संबंधित पक्षों से चार हफ्तों के भीतर जवाब मांगते हुए नोटिस जारी किया है। इस मामले की सुनवाई दोबारा की जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि पहले की कारें 40 से 50 साल तक चलती थीं, आज भी ऐसी कई विंटेज कारें मौजूद हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि केवल उम्र के आधार पर वाहनों को कबाड़ मानना ठीक नहीं। आगे अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर गहराई से विचार किया जाना चाहिए।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कोई अध्ययन नहीं किया

जानकारी के मुताबिक, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अब तक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कोई अध्ययन नहीं किया है। 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर कोई अध्ययन नहीं किया गया है। पर्यावरणविद् अमित गुप्ता की ओर से दायर आरटीआई के जवाब में आयोग ने स्वीकार किया है कि उन्होंने इस विषय पर कोई शोध नहीं किया है।

दिल्ली सरकार अदालत में अपील की थी

दिल्ली सरकार ने पहले पुराने वाहनों को लेकर कड़े कदम उठाने का फैसला किया था तथा इस नीति को लागू करने के लिए अदालत में अपील करने की बात कही थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद फिलहाल यह नीति प्रभावी नहीं होगी। पुराने वाहनों के मालिक अब चार हफ्तों तक राहत की सांस ले सकते हैं, इस मामले की अगली सुनवाई में कोर्ट अगला फैसला देगी।


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