Supreme Court Notice: निजी स्कूलों में फीस वृद्धि पर दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को नोटिस, अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई

हाई कोर्ट ने कहा था कि ऐसे स्कूल शिक्षा निदेशालय की अनुमति लिए बिना ट्यूशन फीस बढ़ा सकते हैं।;

Update: 2025-05-29 11:06 GMT

 नई दिल्ली। दिल्ली के निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।अभिभावकों की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालयऔर निजी स्कूलों की प्रतिनिधि संस्था 'एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स' को नोटिस जारी किया है।

याचिका में क्या कहा गया

याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट के आदेश सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों से बिल्कुल अलग हैं। हाई कोर्ट के आदेशों के चलते शिक्षा व्यवस्था में भ्रम की स्थिति बन गई है। सरकार से सहायता न लेने वाले कुछ स्कूलों ने तो 100 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी है। फीस देने में असक्षम छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप जरूरी है...

याचिकाकर्ता ने बताया है कि 28 अप्रैल 2024 और 8 अप्रैल 2025 को जारी इन आदेशों में हाई कोर्ट ने सरकारी जमीन पर बने स्कूलों को फीस बढ़ाने की छूट दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि ऐसे स्कूल शिक्षा निदेशालय की अनुमति लिए बिना ट्यूशन फीस बढ़ा सकते हैं। बिना किसी नियमन के फीस वृद्धि से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप जरूरी है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल दिल्ली के निजी स्कूलों में ट्यूशन फीस में भारी वृद्धि के खिलाफ अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कारवाई करते हुए एक्शन कमेटी के नोटिस जारी कर दिया। इस याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के दो फैसलों को चुनौती दी गई है। इन फैसलों में हाई कोर्ट ने कहा था कि सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस बढ़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय की अनुमति की जरूरत नहीं है।

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