NEPAL में पीएम की रेस में सुशीला कार्की आगे, Gen-Z के इस प्रस्ताव को ठुकराना राष्ट्रपति के लिए मुश्किल! अब तक 51 मौतें

Update: 2025-09-12 07:21 GMT

नई दिल्ली। नेपाल में Gen-Z ने केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद हिंसा रोक दी है। हालांकि इसके बाद से ही नेपाल में भयंकर राजनीतिक अकाल आ गया है। वहीं पीएम के नाम को लेकर भी काफी माथापच्ची हो रहा है। इन सब के बीच सबसे पहला नाम जिनका सामने आ रहा है वह सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का है। लेकिन कार्की को पीएम बनाने में आखिर क्यों देरी हो रही है।

कोई भी समाधान मौजूदा संविधान के ढांचे के भीतर हो

बता दें कि Gen-Z प्रदर्शनकारी ने अपने नेता के रूप में सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड चीफ जस्टिस सुशीला को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाने का प्रस्ताव दिया है। जहां एक ओर आर्मी चीफ ने Gen-Z को आश्वासन दिया है, वहीं राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने कहा है कि कोई भी समाधान मौजूदा संविधान के ढांचे के भीतर ही खोजा जाना चाहिए।

आर्मी चीफ और राष्ट्रपति के बीच टकराव की स्थिति

दरअसल, नेपाल में इस समय आर्मी चीफ और राष्ट्रपति के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है। जहां आर्मी चीफ चाहते हैं कि आंदोलनकारियों की मांग मानी जाए। राष्ट्रपति संविधान का हवाला दे रहे हैं। वहीं नेपाल का संविधान कहता है कि रिटायर्ड न्यायाधीश को राजनीतिक या संवैधानिक पद पर आसीन नहीं होना चाहिए। चूंकि सुशीला कार्की नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। यही वजह से राष्ट्रपति पौडेल बार-बार संविधान की दुहाई दे रहे हैं।

पौडेल को राष्ट्रपति भवन में किया शिफ्ट

दरअसल, नेपाल में Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आवास शीतल निवास को फूंक दिया था, जिसके बाद अब राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को राष्ट्रपति भवन में शिफ्ट किया गया है। आर्मी ने रातों-रात शिफ्ट कराया है। बता दें कि राष्ट्रपति कार्यालय आगे की ओर है जबकि शीतल निवास पीछे की ओर है। हालांकि कार्की के नाम पर RPP ने समर्थन किया है।

SSB ने 67 कैदियों को पकड़ा

बता दें कि नेपाल में हुए हिंसक आंदोलन में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें कम से कम 21 प्रदर्शनकारी और तीन पुलिसकर्मी शामिल हैं। वहीं पुलिस अधिकारी का कहना है कि 13,500 से ज्यादा कैदी अलग-अलग जेलों से भाग गए थे, इनमें से कई को पकड़ लिया गया है जबकि 12,533 कैदी अभी भी फरार हैं। नेपाल में हुए Gen-Z आंदोलन के दौरान कई जेलों से कैदी भाग गए थे। उनमें से कई कैदी नेपाल बॉर्डर क्रॉस करके भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। SSB ने ऐसे 67 कैदियों को पकड़ा है, जिनमें एक अंजिला खातून नाम की महिला है। 

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