दिल्ली ब्लास्ट से पहले घर गया था आतंकी उमर, भाई को कहा— मेरी कोई खबर आए तो फोन पानी में फेंक देना
इस फोन से कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं, जो यह बताती हैं कि उमर किस तरह लंबे समय से कट्टरपंथ की गिरफ्त में था और आईएसआईएस व अलकायदा के फिदायीन हमलों से प्रभावित था।;
दिल्ली के लाल किले के बाहर हुए कार ब्लास्ट की जांच में अब एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी डॉक्टर उमर-उन-नबी का मोबाइल फोन पुलिस ने बरामद कर लिया है, जिससे कई अहम और खतरनाक जानकारियां सामने आई हैं। जांच में पता चला है कि उमर ब्लास्ट से कुछ दिन पहले अपने घर कश्मीर गया था। वहां उसने अपना मोबाइल फोन अपने भाई जहूर इलाही को देते हुए कहा था कि अगर उसके बारे में कोई खबर आए तो इस फोन को तुरंत पानी में फेंक देना। यह बात जहूर ने पुलिस पूछताछ के दौरान स्वीकार की।
शुरुआत में जहूर ने पुलिस के सवालों से बचने की कोशिश की, लेकिन लगातार पूछताछ के बाद वह टूट गया और उसने बताया कि उमर 26 से 29 अक्टूबर के बीच कश्मीर घाटी में था। इसी दौरान उसने फोन देकर उसे नष्ट करने का निर्देश दिया था। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की, तो वह टीम को उस जगह भी ले गया, जहां उसने मोबाइल फोन फेंका था। फोन काफी क्षतिग्रस्त था, लेकिन फोरेंसिक टीम ने उससे महत्वपूर्ण डेटा निकाल लिया।
फोन से बरामद डेटा से पता चला कि उमर लंबे समय से कट्टरपंथी सामग्री के संपर्क में था। वह आईएसआईएस और अलकायदा द्वारा किए गए आत्मघाती हमलों के वीडियो देखता था और खुद भी इस विचारधारा से प्रभावित हुआ था। उसने कई वीडियो खुद बनाकर रिकॉर्ड किए थे, जिनमें वह फिदायीन हमले को धर्म का अच्छा और सबसे प्रशंसनीय काम बताता दिख रहा है। इनमें से एक लगभग दो मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है।
अधिकारियों के अनुसार, पुलवामा निवासी 28 वर्षीय डॉक्टर उमर इस ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ का सबसे कट्टर सदस्य था। इस मॉड्यूल का नेटवर्क कश्मीर से लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था। जांच में यह भी सामने आया है कि उमर एक बड़े धमाके की साजिश रच रहा था। वह एक शक्तिशाली वाहन-जनित संवर्धित विस्फोटक उपकरण (VBIED) तैयार कर रहा था, जिसका इस्तेमाल किसी धार्मिक स्थल या भीड़भाड़ वाले इलाके में किया जाना था। अधिकारियों को शक है कि यह हमला 6 दिसंबर, यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास किया जाना था।
10 नवंबर को लाल किले के बाहर हुए कार धमाके में 15 लोगों की मौत हुई थी। उस दिन कार चला रहा व्यक्ति वही उमर था। फोन से मिले नए सुरागों ने मामले की जांच को नई दिशा दे दी है। अब पूरा फोन और अन्य डिजिटल सबूत एनआईए को सौंप दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि एनआईए जल्द ही उमर के भाई जहूर इलाही को भी अपने कब्जे में ले सकती है ताकि साजिश के बाकी हिस्से भी उजागर किए जा सकें।