नोएडा प्राधिकरण पर 100 करोड़ के जुर्माने पर 13 अगस्त को फैसला आ सकता है, जानें एनजीटी ने क्यों लगाया था जुर्माना
नोएडा प्राधिकरण पर 100 करोड़ के जुर्माने का मामला;
नई दिल्ली। एनजीटी द्वारा लगाए गए नोएडा प्राधिकरण पर 100 करोड़ के जुर्माने पर 13 अगस्त को फैसला आ सकता है। पिछले दिनों कोंडली ड्रेन यमुना को प्रदूषित करने में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहा है।
प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया
एनजीटी ने नोएडा प्राधिकरण पर 100 करोड़ का जुर्माना लगाया था। इस पर प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। इस मामले में 13 अगस्त को कोर्ट फैसला दे सकता है। जुर्माने की प्रक्रिया पर्यावरणविद् अभिष्ट कुसुम गुप्ता की याचिका पर लगाया गया था। दावा किया था कि प्राधिकरण सीवरों का गंदा पानी कोंडली ड्रेन के जरिये यमुना में डाल रहा है।
प्राधिकरण का दावा शहर में 8 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट कार्यरत
दिल्ली से नोएडा तक आने वाले नाले की सफाई तक नहीं की गई है। एनजीटी के आदेश के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें प्राधिकरण ने दावा किया है कि शहर में 8 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी कार्यरत हैं, जिनकी कुल क्षमता प्रतिदिन 411 मिलियन लीटर डेली (एमएलडी) है। इसके अलावा 180 एमएलडी क्षमता के दो नए एसटीपी भी बनाए जा रहे हैं। 120 एमएलडी ट्रीटेड सीवेज पानी को नोएडा के अलग-अलग सेक्टरों में ग्रीन एरिया में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही कई कदम उठाने की बात भी प्राधिकरण ने अपनी याचिका में कही है।