बिजली कटौती की तुरंत पहचान और समाधान के लिए टीपीडीडीएल कर रहा है एआई/एमएल का इस्तेमाल: सीईओ
उन्होंने कहा कि इस तकनीक की मदद से कंपनी को वास्तविक समय के साथ-साथ अनुमानित आंकड़े भी मिलते हैं, जिससे मांग के अनुसार आपूर्ति को संतुलित किया जा सकता है और उपभोक्ताओं को परेशानी से बचाया जा सकता है।;
टाटा पावर-दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानन एस. काले ने बताया कि उनकी कंपनी बिजली आपूर्ति में रुकावट को तुरंत पहचानने और उसका समाधान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक की मदद से कंपनी को वास्तविक समय के साथ-साथ अनुमानित आंकड़े भी मिलते हैं, जिससे मांग के अनुसार आपूर्ति को संतुलित किया जा सकता है और उपभोक्ताओं को परेशानी से बचाया जा सकता है।
काले ने बताया कि कंपनी अपनी बुनियादी ढांचे और तकनीकी क्षमताओं को तेजी से मजबूत कर रही है ताकि भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग और हरित ऊर्जा की जरूरत को देखते हुए कंपनी चार्जिंग स्टेशन, सोलर रूफटॉप और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम जैसे उपायों पर काम कर रही है।
दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए काले ने कहा कि कंपनी आने वाले समय को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट और टिकाऊ समाधान तैयार कर रही है। उनका कहना है कि उनका उद्देश्य केवल लगातार बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देना भी है। इसके लिए आधुनिक तकनीक और ढांचे पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने दिल्ली के रोहिणी में स्थित स्मार्ट ग्रिड लैब का उल्लेख करते हुए कहा कि साल 2002 से टीपीडीडीएल ने बिजली वितरण प्रणाली में आईटी और ओटी को शामिल करके कई बदलाव किए हैं। इसके चलते कंपनी के एटीएंडसी नुकसान 53% से घटकर 5.5% तक आ गए हैं।
काले ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और एससीएडीए प्रणाली की भूमिका को भी अहम बताया। उनके अनुसार, ये तकनीकें बिजली की आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ाने, ज्यादा मांग के समय प्रबंधन करने और डेटा आधारित निर्णय लेने में मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि टीपीडीडीएल लगातार नई तकनीकों को अपना रही है ताकि ऊर्जा दक्षता, कनेक्टिविटी और सेवा गुणवत्ता के क्षेत्र में उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव मिल सके।