जेएनयू में दो पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए अलग प्रवेश परीक्षा होगी
एक अधिकारी ने बताया, “सभी डीन इस प्रक्रिया को मान चुके हैं और दस्तखत भी कर दिए हैं। यह फैसला उनका खुद का है, न कि कुलपति या प्रशासन का। विश्वविद्यालय की संरचना विकेंद्रीकृत और लोकतांत्रिक है।”;
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कोरियाई अध्ययन और सिनेमा अध्ययन के पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए विश्वविद्यालय खुद प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। ये दोनों कोर्स यूजीसी-नेट के अंतर्गत नहीं आते। बाकी सभी पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश यूजीसी-नेट के अंकों के आधार पर ही होगा।
विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इन दो पाठ्यक्रमों के लिए जेएनयूईई आयोजित करने का निर्णय संबंधित स्कूलों द्वारा लिया गया है।
एक अधिकारी ने बताया, “सभी डीन इस प्रक्रिया को मान चुके हैं और दस्तखत भी कर दिए हैं। यह फैसला उनका खुद का है, न कि कुलपति या प्रशासन का। विश्वविद्यालय की संरचना विकेंद्रीकृत और लोकतांत्रिक है।”
प्रशासन ने बताया कि नेट-जेआरएफ और सीयूईटी जैसी परीक्षाएं ज्यादा समावेशी और सुलभ हैं। अधिकारी ने कहा, “पहले जेएनयूईई करीब 80 परीक्षा केंद्रों पर होती थी, जबकि अब नेट-जेआरएफ 200 से ज्यादा और सीयूईटी लगभग 500 केंद्रों पर आयोजित की जाती है।” उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के प्रकाशनों का रिकॉर्ड हर साल 5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष नितीश कुमार ने पीटीआई को बताया, “इन दोनों विषयों के लिए नेट में कोई विकल्प नहीं है, इसलिए प्रशासन को अलग से प्रवेश परीक्षा करवानी पड़ रही है।”
वहीं, जेएनयू छात्र संघ ने सभी पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए जेएनयूईई बहाल करने की मांग को लेकर पांचवें दिन भी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखी।
मंगलवार को कुलपति से मिलने का कार्यक्रम तय था, लेकिन यह बैठक बिना किसी सूचना के स्थगित कर दी गई। यह प्रदर्शन पिछले गुरुवार से चल रहा है, जब शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए पीएचडी दाखिला कार्यक्रम जारी किया गया था।