केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने लिया अहम फैसला! दो साल में 3.5 करोड़ से नौकरियों के खुलेंगे रास्ते
कैबिनेट ने करीब ₹1.07 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार को बढ़ावा देना है।;
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए। इसके साथ ही कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई है। जिससे आने वाले समय में रोजगार पैदा होंगे। इस बैठक में केंद्र सरकार ने तीन अहम नीतिगत फैसलों को मंजूरी दी है।
कैबिनेट ने करीब ₹1.07 लाख करोड़ की दी मंजूरी
बता दें कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन फैसलों से आने वाले वर्षों में रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा होंगे, नवाचार को बल मिलेगा और भारत को खेलों में वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की तैयारी की जाएगी। वहीं मोदी मंत्रिमंडल का पहला बड़ा फैसला रोजगार प्रोत्साहन योजना से जुड़ा है। जिसे कैबिनेट ने करीब ₹1.07 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार को बढ़ावा देना है।
3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन करना है
दरअसल, यह योजना दो हिस्सों में लागू होगी। पहला हिस्सा उन युवाओं के लिए है जो पहली बार नौकरी करने जा रहे हैं जबकि दूसरा हिस्सा मौजूदा कर्मचारियों को निरंतर रोजगार देने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगा। इस योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ सालों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन करना है।
खेलों को जनआंदोलन बनाना और शिक्षा से खेलों को जोड़ना
बता दें कि सरकार का दूसरा अहम फैसला खेलो भारत नीति 2025 से जुड़ा है। जो अब तक लागू राष्ट्रीय खेल नीति 2001 की जगह लेगी। यह नई नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप तैयार की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य भारत को खेलों के क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति बनाना है। यह नीति पांच प्रमुख आधारों पर केंद्रित होगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन, खेल क्षेत्र में आर्थिक योगदान, महिलाओं और दिव्यांगों की भागीदारी, खेलों को जनआंदोलन बनाना और शिक्षा से खेलों को जोड़ना।
कार्यस्थलों पर किया जाएगा फिटनेस इंडेक्स लागू
खेल नीति के तहत देश में फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों और कार्यस्थलों पर फिटनेस इंडेक्स लागू किया जाएगा। पारंपरिक और स्वदेशी खेलों के संरक्षण और प्रचार पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। नीति के तहत खेल सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने, खिलाड़ियों की ट्रेनिंग, खेल विज्ञान और तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल की जाएंगी।
इसका मकसद नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना
वहीं तीसरा फैसला अनुसंधान और नवाचार योजना से संबंधित है। जिसके लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये के विशेष कोष की मंजूरी दी है। यह योजना विशेष रूप से रणनीतिक और उभरते क्षेत्रों में देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसका मकसद स्वदेशी तकनीकी विकास, उच्च गुणवत्ता वाले शोध और नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है।