असम में अवैध गौवध और बीफ बिक्री के आरोप में 133 लोग गिरफ्तार

राज्य में कानून व्यवस्था के महानिरीक्षक अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई असम मवेशी संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन को रोकने के लिए स्वतः संज्ञान लेकर की गई।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-07-01 16:49 GMT

असम में मंगलवार को पुलिस ने अवैध रूप से मवेशियों के वध और बीफ की बिक्री के मामलों में कार्रवाई करते हुए 133 लोगों को हिरासत में लिया। अधिकारियों ने बताया कि राज्यभर में एक टन से अधिक संदिग्ध बीफ जब्त किया गया है।

राज्य में कानून व्यवस्था के महानिरीक्षक अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई असम मवेशी संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन को रोकने के लिए स्वतः संज्ञान लेकर की गई। इस अधिनियम के तहत ऐसे क्षेत्रों में मवेशियों का वध और बीफ की बिक्री पर रोक है, जहां हिंदू, जैन और सिख समुदाय बहुसंख्यक हैं या जहां किसी मंदिर या वैष्णव मठ (सत्र) से पांच किलोमीटर के दायरे में यह गतिविधियां होती हैं।

सिंह ने कहा, "इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कानून के उल्लंघन को रोकना है। हमने राज्य के अलग-अलग जिलों में होटलों और रेस्तराओं पर छापेमारी की और कई थानों में दर्जनों मामले दर्ज किए हैं।"

पुलिस ने 112 होटलों में तलाशी अभियान चलाकर 133 लोगों को पकड़ा और एक टन से ज्यादा संदिग्ध मांस जब्त किया। सिंह ने यह भी बताया कि अभियान अभी जारी है और अंतिम आंकड़े बाद में स्पष्ट होंगे। आने वाले दिनों में यह अभियान जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 8 जून को कहा था कि ईद त्योहार के दौरान कई स्थानों पर अवैध तरीके से मवेशियों का वध किया गया और कुछ इलाकों में मांस के टुकड़े फेंके गए। इस मामले में धुबरी, होजाई, गोलपाड़ा और लखीमपुर जिलों से करीब 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

20 जून को मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि असम मवेशी संरक्षण अधिनियम को सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों से पांच किलोमीटर के दायरे में बीफ की बिक्री और उपभोग पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा, "ईद के मौके पर प्रतिबंधित क्षेत्रों में बीफ की उपलब्धता और उपभोग गंभीर चिंता का विषय है।"

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