‘उदयपुर फाइल्स’ के निर्माता अमित जानी को मिली वाई-श्रेणी की सुरक्षा
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्य बागची शामिल थे, ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अर्शद मदनी और कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद द्वारा दायर याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट को 28 जुलाई को सुनवाई करने का निर्देश दिया।;
विवादों में घिरी आगामी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स – कन्हैयालाल टेलर मर्डर’ के निर्माता और फिल्मकार अमित जानी को भारत सरकार द्वारा वाई-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। इस सुरक्षा को लेकर अमित जानी ने रविवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्य बागची शामिल थे, ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अर्शद मदनी और कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद द्वारा दायर याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट को 28 जुलाई को सुनवाई करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा 21 जुलाई को फिल्म की रिलीज की अनुमति दिए जाने के निर्णय को चुनौती दी है। यह अनुमति छह कट और एक संशोधित डिस्क्लेमर के साथ दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म निर्माता केंद्र द्वारा तय शर्तों को मान चुके हैं और CBFC (सेंसर बोर्ड) द्वारा पहले ही फिल्म को 55 कट्स के साथ सर्टिफाई किया जा चुका है। कोर्ट ने इस आधार पर फिल्म निर्माताओं की याचिका को निरर्थक बताया, हालांकि मदनी और जावेद की आपत्तियों पर कोई अंतिम टिप्पणी नहीं की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं पर सुनवाई जारी रहेगी और भविष्य में कोर्ट आवश्यक आदेश पारित कर सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1952 की धारा 6 के तहत फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी। यह रोक तब तक प्रभावी रहेगी जब तक केंद्र सरकार मदनी की आपत्ति पर निर्णय नहीं लेती। कोर्ट ने उस समय सीमा को एक सप्ताह और बढ़ा दिया है।
गौरतलब है कि ‘उदयपुर फाइल्स – कन्हैयालाल टेलर मर्डर’ की रिलीज 11 जुलाई को तय थी। फिल्म जून 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या की कहानी पर आधारित है। यह हत्या कथित रूप से उनके सोशल मीडिया पोस्ट के कारण की गई थी, जिसमें उन्होंने पूर्व बीजेपी सांसद नूपुर शर्मा के समर्थन में बयान दिया था।
यह मामला वर्तमान में जयपुर स्थित एनआईए की विशेष अदालत में चल रहा है, जहां आरोपियों पर यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) सहित कई धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है।